Current Date: 18 Dec, 2024

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी (Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani)

- Ravindra Jain


राम भक्त ले चला रे राम की निशानी लिरिक्स हिंदी में (Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani Lyrics in Hindi)

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी.
शीश पर खड़ाऊँ. अँखिओं में पानी ।

शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे.
राम सिया जी संग हो जैसे ।
अब इनकी छाव में रहेगी राजधानी.
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥

पल छीन लागे सदिओं जैसे.
चौदह वरष कटेंगे कैसे ।
जाने समय क्या खेल रचेगा.
कौन मरेगा कौन बचेगा ।
कब रे मिलन के फूल खिलेंगे.
नदिया के दो फूल मिलेनेगे ।
जी करता है यही बस जाए.
हिल मिल चौदह वरष बिताएं
राम बिन कठिन है इक घडी बितानी.
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥

तन मन बचन. उमनग अनुरागा.
धीर धुरंधर धीरज त्यागा ।
भावना में बह चले धीर वीर ज्ञानी.
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी लिरिक्स अंग्रेजी में (Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani Lyrics in English)

Prabhu Kar Kripa Panwari Dinhi ।
Sadar Bharat Shish Dhari Linhi ।।

Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani ।
Shish Par Khadau Ankhiya Me Pani ।।

Shish Khadau Le Chala Aise.
Ram Siya Ji Sang Ho Jaise ।
Ab Inki Chhav Me Rahegi Rajdhani.
Ram Bhakat Le Chala Re Ram Ki Nishani ।।

Pal Chhin Laage Sadiyo Jaise.
Chodah Varsh Katenge Kaise ।
Jaane Samay Kya Khel Rachega.
Kon Marega Kon Bachega ।।

Kab Re Milan Ke Fool Khilenge.
Nadiya Ke Do Phool Milenge ।
Jee Karta Hai Yahi Bas Jaaye.
Hil Mil Chodah Varsh Bitaye ।।

Ram Bin Kathin Hai Ek Ghadi Bitani ।
Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani ।।

Tan Man Bachan Umnag Anuraga.
Dheer Dhurandhar Dheeraj Tyaga ।
Bhawna Me Beh Chale Dheer Veer Gyani.
Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishani ।।

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