इस बार अधिकमास के चलते रक्षाबंधन समेत कई व्रत और त्योहार देर से होंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार हर 3 वर्ष बाद अधिकमास जिसे मलमास भी कहा जाता है वह आता है जिसके कारण एक महीने का अतिरिक्त समय बढ़ जाता है। 16 अगस्त से अधिकमास खत्म हो जाएगा जिसके बाद व्रत-त्योहार आरंभ हो जाएंगे। अधिकमास खत्म होने के बाद सबसे पहले नाग पंचमी और फिर रक्षाबंधन का त्योहार माना जाएगा। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के पर्व का विशेष महत्व होता है। पूरे देश में रक्षाबंधन के त्योहार को भाई-बहन के आपसी प्रेम के रूप में बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए भगवान से कामना करती हैं। इसके बदले में भाई बहन के जीवन में आने वाली हर एक मुसीबत से उसी रक्षा करने का संकल्प लेता है। रक्षाबंधन पर बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाते हुए आरती करती हैं और मिठाई खिलाती हैं। फिर भाई अपने बहनों को उपहार देते हैं।
कब है रक्षाबंधन
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस बार श्रावण पूर्णिमा तिथि दो दिन यानी 30 और 31 अगस्त को पड़ रही है, साथ ही श्रावण पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया भी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कभी भी रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा का साया रहने पर नहीं मनाया जाता है। भद्रा काल में बहनों को भाई की कलाई में राखी बांधना वर्जित होता है। भद्रा काल के समय को बहुत ही अशुभ माना गया है और इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन के त्योहार पर कब तक रहेगा भद्रा का साया और राखी का त्योहार कब मनाएं और राखी बांधने का क्या होगा शुभ मुहूर्त।
रक्षाबंधन 2023 शुभ तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त 2023 को सुबह 11 बजे से शुरू हो जाएगी, वहीं श्रावण पूर्णिमा तिथि का समापन 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि दो दिन होने की वजह से इस बार रक्षाबंधन का पर्व 2 दिन तक मनाया जाएगा। हालांकि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी रहेगा। भद्रा के कारण इस वर्ष रक्षाबंधन की तिथि को लेकर मतभेद है।
कब से कब तक रहेगा रक्षाबंधन पर भद्रा का साया ?
इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा लग जाएगी। जो रात को 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। इस साल भद्रा रक्षाबंधन के दिन पृथ्वी पर वास करेंगी जिस कारण से भद्रा में राखी बांधना शुभ नहीं रहेगा। वहीं दूसरी तरफ श्रावण पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इस तरह से 30 अगस्त को सुबह भद्रा के लगने से पहले राखी बांधी जा सकती है और 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 07 मिनट से पहले राखी बांध सकते हैं।
रक्षाबंधन भद्रा पूंछ: 30 अगस्त 2023 की शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक
रक्षाबंधन भद्रा मुख: 30 अगस्त 2023 की शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक
रक्षाबंधन भद्रा समाप्ति समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट पर
रक्षाबंधन 2023 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि और अपराह्र काल यानी दोपहर के समय भद्रा रहित काल में मनाना शुभ होता है। लेकिन इस वर्ष 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा रहेगी। भद्रा में राखी बांधना अशुभ होता है। ऐसे में 30 अगस्त 2023 को रात 09 बजकर 03 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है। वहीं 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 7 मिनट से पहले राखी बांध सकते हैं।
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