Current Date: 22 Dec, 2024

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने भजन लिरिक्स | Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne Bhajan Lyrics.

- Devendra Pathak Ji


रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने हिंदी में (Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne In Hindi)


रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

वही ये सृष्टि चला रहे है,

 

जो पेड़ हमने लगाया पहले,

 

उसी का फल हम अब पा रहे है,

 

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

 

 

इसी धरा से शरीर पाए,

 

इसी धरा में फिर सब समाए,

 

है सत्य नियम यही धरा का,

 

है सत्य नियम यही धरा का,

 

एक आ रहे है एक जा रहे है,

 

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

 

 

जिन्होने भेजा जगत में जाना,

 

तय कर दिया लौट के फिर से आना,

 

जो भेजने वाले है यहाँ पे,

 

जो भेजने वाले है यहाँ पे,

 

वही तो वापस बुला रहे है,

 

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

 

 

 

बैठे है जो धान की बालियो में,

 

समाए मेहंदी की लालियो में,

 

हर डाल हर पत्ते में समाकर,

 

हर डाल हर पत्ते में समाकर,

 

गुल रंग बिरंगे खिला रहे है,

 

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

 

 

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

वही ये सृष्टि चला रहे है,

 

जो पेड़ हमने लगाया पहले,

 

उसी का फल हम अब पा रहे है,

 

रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने,

 

वही ये सृष्टि चला रहे है ॥

 

 

 

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने अंग्रेजी में (Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne In English)

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Wahi Ye Srishti Chala Rahe Hai,

 

Jo Ped Humne Lagaya Pahale,

 

Usi Ka Phal Hum Ab Pa Rahe Hai,

 

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Wahi Ye Srishti Chala Rahe Hai ॥

 

 

 

Isi Dhara Se Sharir Paye,

 

Isi Dhara Mein Phir Sab Samaye,

 

Hai Satya Niyam Yahi Dhara Ka,

 

Hai Satya Niyam Yahi Dhara Ka,

 

Ek Aa Rahe Hai Ek Ja Rahe Hai,

 

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Wahi Ye Srishti Chala Rahe Hai ॥

 

 

Jinhone Bheja Jagat Mein Jaana,

 

Tay Kar Diya Laut Ke Phir Se Aana,

 

Jo Bhejne Wale Hai Yahan Pe,

 

Jo Bhejne Wale Hai Yahaan Pe,

 

Wahi to Wapas Bula Rahe Hai,

 

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Wahi Ye Srishti Chala Rahe Hai ॥

 

 

 

Baithe Hai Jo Dhan Ki Baliyo Mein,

 

Samaye Mehndi Ki Laliyo Mein,

 

Har Daal Har Patte Mein Samakar,

 

Har Daal Har Patte Mein Samakar,

 

Gul Rang Birange Khila Rahe Hai,

 

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Wahi Ye Srishti Chala Rahe Hai ॥

 

 

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Wahi Ye Srishti Chala Rahe Hai,

 

Jo Ped Humne Lagaya Pahale,

 

Usi Ka Phal Hum Ab Pa Rahe Hai,

 

Racha Hai Srishti Ko Jis Prabhu Ne,

 

Wahi Ye Srishti Chala Rahe Hai ॥

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