नफरत का बंधन तोड़ो,
अपनों से मुंह ना मोड़ो,
तुम सबसे नाता जोड़ो,
तुम श्याम के प्रेमी हो,
श्याम प्रेमियों आपस में प्रेम करो,
श्याम प्रेमियों,
मेरे श्याम प्रेमियों,
आपस में प्रेम करो,
श्याम प्रेमियों।।
तर्ज – देश प्रेमियों आपस में।
देखो ये कन्हैया,
सबको संभाले है,
सबका नसीबा श्याम हवाले है,
जिसका रहबर है सांवरिया,
तुम उसके क्यों दुश्मन हो,
तुम भी उससे प्यार जताओ,
जिसमे बस अपनापन हो,
तुम इकरार करो,
मेरे श्याम प्रेमियों,
आपस में प्रेम करो,
श्याम प्रेमियों।।
देखो ये कन्हैया,
प्रेमी से प्रेम करे,
फिर क्यों आपस में,
इर्ष्या के भाव भरे,
क्यों लोगो के दिल को दुखाके,
क्यों उनको तड़पाते हो,
कहलाते हो श्याम के प्रेमी,
क्यों ये पाप कमाते हो,
थोडा तो श्याम से डरो,
मेरे श्याम प्रेमियों,
आपस में प्रेम करो,
श्याम प्रेमियों।।
जीवन दो दिन का,
दो दिन तो हँस के जियो,
कहता ‘निर्मल’ भी,
श्याम के बन के रहो,
श्याम सहारा है निर्बल का,
तुम हारे के साथ रहो,
श्याम तुम्हे भी अपना लेगा,
प्रेम प्यार की बात करो,
भक्ति में भाव भरो,
मेरे श्याम प्रेमियों,
आपस में प्रेम करो,
श्याम प्रेमियों।।
नफरत का बंधन तोड़ो,
अपनों से मुंह ना मोड़ो,
तुम सबसे नाता जोड़ो,
तुम श्याम के प्रेमी हो,
श्याम प्रेमियों आपस में प्रेम करो,
श्याम प्रेमियों,
मेरे श्याम प्रेमियों,
आपस में प्रेम करो,
श्याम प्रेमियों।।
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