प्रदोष व्रत विधि
कैसे करें प्रदोष व्रत
सूर्यास्त के पश्चात पुन: स्नान करके भगवान शिव का षोडषोपचार से पूजन करें।
नैवेद्य में जौ का सत्तू, घी एवं शकर का भोग लगाएं, तत्पश्चात आठों दिशाओं में 8 दीपक रखकर प्रत्येक की स्थापना कर उन्हें 8 बार नमस्कार करें।
इसके बाद धर्म सत्वं वृषरूपेण से नंदीश्वर (बछड़े) को जल एवं दूर्वा खिलाकर स्पर्श करें।
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शिव-पार्वती एवं नंदकेश्वर की प्रार्थना करें।
प्रदोष व्रतार्थी को नमकरहित भोजन करना चाहिए।
यद्यपि प्रदोष व्रत प्रत्येक त्रयोदशी को किया जाता है, परंतु विशेष कामना के लिए वार संयोगयुक्त प्रदोष का भी बड़ा महत्व है। अत: वार के अनुसार प्रदोष व्रत का फल जानिए : -
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1. आरोग्य के लिए- रविवार।
2. संतान प्राप्ति के लिए- सोमवार।
3. ऋण से छुटकारे के लिए- मंगलवार।
4. इष्ट प्राप्ति के लिए- बुधवार।
5. सफलता के लिए - गुरुवार
6. सौभाग्य के लिए- शुक्रवार।
7. हर तरह की मनोकामना के लिए- शनि प्रदोष शुभ है।
इस तरह हर प्रदोष व्रत के दिन पूजन करने से सौभाग्य और सुख-शांति की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य का सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है।
How to do Pradosh Vrat
After sunset, take a bath again and worship Lord Shiva with Shodashopachar.
Offer barley sattu, ghee and sugar as offering, after that place 8 lamps in all the eight directions and establish each one and greet them 8 times.
After this, touch Nandishwar (calf) with water and durva by feeding Dharma Satvam Vrishrupen.
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Pray to Shiva-Parvati and Nandkeshwar.
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Although Pradosh Vrat is observed on every Trayodashi, but for a special wish, there is great importance of Vaar Sanyogyukt Pradosh. Therefore, know the result of Pradosh Vrat according to the year: -
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1. For health - Sunday.
2. For getting a child - Monday.
3. To get rid of debt - Tuesday.
4. To get favor - Wednesday.
5. For success - Thursday
6. For good luck - Friday.
7. Shani Pradosh is auspicious for all kinds of wishes.
In this way, by worshiping on the day of every Pradosh Vrat, good fortune and happiness and peace are attained and the sleeping fortune of a man also wakes up.
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