Current Date: 31 Oct, 2024

पितृ पक्ष की कथा (Pittra Paksh Ki Katha)

- Satyendra Pathak


पितृ पक्ष की कथा लिरिक्स हिंदी में (Pittra Paksh Ki Katha Lyrics in Hindi)

हम पितृ देव महाराज की भक्तो कथा सुनाते है हम कथा सुनाते है
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है 
हम पितृ देव महाराज की भक्तो कथा सुनाते है पावन गाथा सुनाते
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है 
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

श्राद्ध पक्ष में प्रातः उठकर करते सब स्नान 
अपने पितरो को फिर देते श्रद्धा से पिंड दान
सोलह दिन इस श्राद्ध पक्ष के है पितरो के नाम 
मुक्ति उनको दिलाने का हम करते है ये काम    
पितृ पक्ष में करते जो भी अन्न वस्त्रो का दान 
पितरो से सब खुशियों का मिल जाता हे वरदान    
पितरो के आशीष से कारज बिगड़े बन जाए 
कोई भी अनहोनी घर के दर से टल जाए    
श्राद्ध के सोलह दिन पूर्वज धरती पे आते है 
हम पितृपक्ष की पावन भक्तो गाथा सुनाते है हम गाथा गाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

पितृ पक्ष से जुडी कथा में आगे बताता हूँ
महाभारत संग क्या है नाता ये समझाता हूँ
युद्ध में वीरगति पाकर ना कर्ण को मुक्ति मिली
सोना चांदी खाने मिले जो भूख थी इनको लगी
दुखी कर्ण ने इंद्र देव से कहा ये जा करके
रत्न आभूषण कोई कैसे रहेगा खा कर के    
इंद्र देव बोले तुमने तो यही किया था दान
कभी ना ब्राह्मण को तुमने था किया अन्न का दान    
बिन तर्पण के सारे पूर्वज रुष्ट हो जाते है 
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है 
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान
    
इंद्र से बोला कर्ण प्रभुवर मेरा क्या था दोष 
सबने पुकारा सूद पुत्र जब से था संभाला होश 
पूर्वज की मुक्ति का उपाय ना किसी ने बतलाया 
पिंड दान में उचित विधि से तभी ना कर पाया 
अपनी भूल सुधारने को मुझे सोलह दिन दे उधार
कर के अन्न का दान मैं अपनी भूल का कर लू सुधार
वापिस वो धरती पर सोलह दिन के लिए आये 
घर में बुलाकर ब्राह्मण को अन्न दान भी कर आये 
अन्न के संग वस्त्रो का भी वो दान कर आते है हम कथा सुनाते है
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है 
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

भक्तो वो सोलह दिन पितृ पक्ष के कहलाये 
मृत्यु के पश्चात् धरा पर कर्ण थे जो आये 
ऐसे ही पूर्वज धरती पर सोलह दिन आते है 
कर पूजा तर्पण हम उनको संतुष्ट कर जाते है 
श्रद्धा भाव से पितृ पक्ष में जो करता है दान 
प्रसन्न हो पूर्वज सब खुशियों का देते वरदान 
जो भी सच्चे मन से करते पितरो का सम्मान 
जहा रहे पूर्वज वही से रखते सब पर वो ध्यान 
इसी तरह पितरो की किरपा हम पा जाते है 
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

पितरो से जुडी एक कहानी और सुनाता हूँ 
जोगे भोगे दो भाइयो की बात बताता हूँ 
बड़ा भाई जोगे था धनवान छोटा भोगे गरीब 
बड़ी बहु धन पे इतराती छोटी कोसे नसीब 
पितृ पक्ष में जोगे की पत्नी बोली पति से 
मायके में भेजू में निमंत्रण आपकी सहमति से 
जोगे ने उसे टाल दिया करके कोई बहाना 
शुरू किया पत्नी ने उसे खरी खोटी सुनाना
पत्नी के घर वालो को न्योता दे आते है 
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

जोगे की पत्नी ने अपनी देवरानी बुलवाके 
कहा तुम बहना करो मदद मेरे घर में आके 
भोगे की भोली पत्नी ने कहा सदा था माना
किसके मन में स्वार्थ छिपा है ना उसने कभी जाना 
जेठानी की करके मदद सब बना डाले पकवान 
देवरानी तब जाने लगी कर खत्म वो अपने काम 
जोगे की पत्नी ने कहा ना रुकने को एक बार 
भूखी लौट गयी देवरानी अपने घर के द्वार 
इसके बाद हुआ क्या आगे हम बतलाते है हम कथा सुनाते है
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान
जोगे की पत्नी ने सोचा भोजन में भी पकाऊ

करके अन्न का दान पितरो को संतुष्ट करके आउ
लेकिन देखा नहीं था घर में एक अन्न का दाना 
रोने लगी वो सोच के अब में कैसे बनाऊ खाना 
करती क्या भोगे की पत्नी वो थी एक दुखियारी 
नाम के पितरो की उसने फिर दे दी अग्यारी 
जोगे भोगे दोनों के पूर्वज धरा पे आये 
पहले पूर्वज बड़ा भाई जोगे के घर में जाए 
वहां पे देखा क्या उन्होंने आगे बताते है 
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

जोगे की ससुराल वाले भोजन करने लगे थे 
जोगे अपनी पत्नी संग इनकी सेवा में जुटे थे 
देख के ऐसा दृश्य पितरो का हुआ बड़ा अपमान 
रूठ के सबने तभी वहां से किया जल्द प्रस्थान 
भोगे के घर में जब पूर्वज भोजन करने आये    
अग्यारी की राख को वो भोजन के स्वरूप में पाए 
छोटे भाई की दुर्दशा किसी से ना छुप पायी    
बहुत तरस उसकी हालत पर सभी को तब आयी 
नदी के तट पर आके सब पूर्वज बतियाते है 
सुनके इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

भोगे के भूखे बच्चे जब माँ के पास आते है 
ना पा करके भोजन वो रोकर रह जाते है 
पूर्वज सोचे इसके संग कुछ ऐसा कर जाए 
इसके जीवन से कष्टों के बादल छट जाए 
धन नहीं भोगे के घर पर बहुत बड़ा है मन 
ऐसे लोगो का रहना नहीं हे उचित निर्धन 
उनके आशीर्वाद का जोगे उत्तम फल पाता है 
उसके घर में वापिस खुशियों का पल आ जाता है
अन्न भंडार से घर खाली पुरे भर जाते है 
सुन इस गाथा को पितृ दोष से मुक्त हो जाते है हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान 
सब सुनो लगा के ध्यान ये कथा है बड़ी महान

पितृ पक्ष की कथा लिरिक्स अंग्रेजी में (Pittra Paksh Ki Katha Lyrics in English)

Ham pitṛ dev mahaaraaj kii bhakto kathaa sunaate hai ham kathaa sunaate hai
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai 
Ham pitṛ dev mahaaraaj kii bhakto kathaa sunaate hai paavan gaathaa sunaate
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai 
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaan

Shraaddh paksh men praatah uṭhakar karate sab snaana 
Apane pitaro ko phir dete shraddhaa se pinḍ daan
Solah din is shraaddh paksh ke hai pitaro ke naama 
Mukti unako dilaane kaa ham karate hai ye kaam    
Pitṛ paksh men karate jo bhii ann vastro kaa daana 
Pitaro se sab khushiyon kaa mil jaataa he varadaan    
Pitaro ke aashiish se kaaraj bigade ban jaae 
Koii bhii anahonii ghar ke dar se ṭal jaae    
Shraaddh ke solah din puurvaj dharatii pe aate hai 
Ham pitṛpaksh kii paavan bhakto gaathaa sunaate hai ham gaathaa gaate hai
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

Pitṛ paksh se juḍii kathaa men aage bataataa huun
Mahaabhaarat sang kyaa hai naataa ye samajhaataa huun
Yuddh men viiragati paakar naa karṇ ko mukti milii
Sonaa chaandii khaane mile jo bhuukh thii inako lagii
Dukhii karṇ ne indr dev se kahaa ye jaa karake
Ratn aabhuushaṇ koii kaise rahegaa khaa kar ke    
Indr dev bole tumane to yahii kiyaa thaa daan
Kabhii naa braahmaṇ ko tumane thaa kiyaa ann kaa daan    
Bin tarpaṇ ke saare puurvaj rushṭ ho jaate hai 
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai 
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

Indr se bolaa karṇ prabhuvar meraa kyaa thaa dosha 
Sabane pukaaraa suud putr jab se thaa sambhaalaa hosha 
Puurvaj kii mukti kaa upaay naa kisii ne batalaayaa 
Pinḍ daan men uchit vidhi se tabhii naa kar paayaa 
Apanii bhuul sudhaarane ko mujhe solah din de udhaar
Kar ke ann kaa daan main apanii bhuul kaa kar luu sudhaar
Vaapis vo dharatii par solah din ke lie aaye 
Ghar men bulaakar braahmaṇ ko ann daan bhii kar aaye 
Ann ke sang vastro kaa bhii vo daan kar aate hai ham kathaa sunaate hai
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai 
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

Bhakto vo solah din pitṛ paksh ke kahalaaye 
Mṛtyu ke pashchaat dharaa par karṇ the jo aaye 
Aise hii puurvaj dharatii par solah din aate hai 
Kar puujaa tarpaṇ ham unako santushṭ kar jaate hai 
Shraddhaa bhaav se pitṛ paksh men jo karataa hai daana 
Prasann ho puurvaj sab khushiyon kaa dete varadaana 
Jo bhii sachche man se karate pitaro kaa sammaana 
Jahaa rahe puurvaj vahii se rakhate sab par vo dhyaana 
Isii tarah pitaro kii kirapaa ham paa jaate hai 
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

Pitaro se juḍii ek kahaanii owr sunaataa huun 
Joge bhoge do bhaaiyo kii baat bataataa huun 
Badaa bhaaii joge thaa dhanavaan chhoṭaa bhoge gariiba 
Badii bahu dhan pe itaraatii chhoṭii kose nasiiba 
Pitṛ paksh men joge kii patnii bolii pati se 
Maayake men bhejuu men nimantraṇ aapakii sahamati se 
Joge ne use ṭaal diyaa karake koii bahaanaa 
Shuruu kiyaa patnii ne use kharii khoṭii sunaanaa
Patnii ke ghar vaalo ko nyotaa de aate hai 
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

Joge kii patnii ne apanii devaraanii bulavaake 
Kahaa tum bahanaa karo madad mere ghar men aake 
Bhoge kii bholii patnii ne kahaa sadaa thaa maanaa
Kisake man men svaarth chhipaa hai naa usane kabhii jaanaa 
Jeṭhaanii kii karake madad sab banaa ḍaale pakavaana 
Devaraanii tab jaane lagii kar khatm vo apane kaama 
Joge kii patnii ne kahaa naa rukane ko ek baara 
Bhuukhii lowṭ gayii devaraanii apane ghar ke dvaara 
Isake baad huaa kyaa aage ham batalaate hai ham kathaa sunaate hai
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaan
Joge kii patnii ne sochaa bhojan men bhii pakaauu

Karake ann kaa daan pitaro ko santushṭ karake aau
Lekin dekhaa nahiin thaa ghar men ek ann kaa daanaa 
Rone lagii vo soch ke ab men kaise banaauu khaanaa 
Karatii kyaa bhoge kii patnii vo thii ek dukhiyaarii 
Naam ke pitaro kii usane phir de dii agyaarii 
Joge bhoge donon ke puurvaj dharaa pe aaye 
Pahale puurvaj badaa bhaaii joge ke ghar men jaae 
Vahaan pe dekhaa kyaa unhonne aage bataate hai 
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

Joge kii sasuraal vaale bhojan karane lage the 
Joge apanii patnii sang inakii sevaa men juṭe the 
Dekh ke aisaa dṛshy pitaro kaa huaa badaa apamaana 
Ruuṭh ke sabane tabhii vahaan se kiyaa jald prasthaana 
Bhoge ke ghar men jab puurvaj bhojan karane aaye    
Agyaarii kii raakh ko vo bhojan ke svaruup men paae 
Chhoṭe bhaaii kii durdashaa kisii se naa chhup paayii    
Bahut taras usakii haalat par sabhii ko tab aayii 
Nadii ke taṭ par aake sab puurvaj batiyaate hai 
Sunake is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

Bhoge ke bhuukhe bachche jab maan ke paas aate hai 
Naa paa karake bhojan vo rokar rah jaate hai 
Puurvaj soche isake sang kuchh aisaa kar jaae 
Isake jiivan se kashṭon ke baadal chhaṭ jaae 
Dhan nahiin bhoge ke ghar par bahut badaa hai mana 
Aise logo kaa rahanaa nahiin he uchit nirdhana 
Unake aashiirvaad kaa joge uttam phal paataa hai 
Usake ghar men vaapis khushiyon kaa pal aa jaataa hai
Ann bhanḍaar se ghar khaalii pure bhar jaate hai 
Sun is gaathaa ko pitṛ dosh se mukt ho jaate hai ham kathaa sunaate hai
Ye kathaa hai badii mahaan sab suno lagaa ke dhyaana 
Sab suno lagaa ke dhyaan ye kathaa hai badii mahaana

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