Current Date: 19 Dec, 2024

पिता ब्रम्हा पिता विष्णु

- रजनी राजस्थानी


पिता ब्रम्हा पिता विष्णु,
पिता भगवान दुनिया में,
पिता जैसा नहीं कोई,
है मेहरबान दुनिया में,
पिता ब्रम्हा पिता विष्णु,
पिता भगवान दुनिया में।।

तर्ज – बेदर्दी बालमा तुझको।

ये बच्चो के लिए चुन चुन के,
लाता आबो दाना है,
ये इक इक जोड़ के तिनका,
बनाता आशियाना है,
बच्चो की पूरी जिद करता,
ये देकर जान दुनिया में,
पिता ब्रम्हा पिता विष्णु,
पिता भगवान दुनिया में।।

पिता के साए में जग की,
ये सारी शहंसाई है,
पिता के प्यार की कीमत,
नहीं जाती चुकाई है,
पिता के साथ है बच्चो की,
है रहती शान दुनिया में,
पिता ब्रम्हा पिता विष्णू,
पिता भगवान दुनिया में।।

ये बनके आसमा करता,
पिता बच्चो पे साया है,
नहीं तो ऐसे लगता है,
की सारा जग पराया है,
पिता के नाम से मिलती,
हमे पहचान दुनिया में,
पिता ब्रम्हा पिता विष्णु,
पिता भगवान दुनिया में।।

पिता बनके पता चलता,
ये कैसा प्यारा रिश्ता है,
उतर आया जो जन्नत से,
पिता वो ही फरिस्ता है,
इन्हे दुःख देकर सुख पाती,
नहीं संतान दुनिया में,
पिता ब्रम्हा पिता विष्णू,
पिता भगवान दुनिया में।।

पिता ब्रम्हा पिता विष्णु,
पिता भगवान दुनिया में,
पिता जैसा नहीं कोई,
है मेहरबान दुनिया में,
पिता ब्रम्हा पिता विष्णू,
पिता भगवान दुनिया में।।

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