कोरस :- जय जय श्याम श्याम श्याम जय जय श्याम श्याम श्याम
M:- पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
कोरस :- पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:- करते है सब अपना दिखावा श्याम से सच्चा लगाव नहीं
कोरस :- पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:- पहले जैसे भक्त नहीं अब हो ...........................
कोरस :- आ आ आ आ आ .......................................
M:- आएगा किस के खातिर ये रिश्ता कौन निभाएगा
कोरस :- रिश्ता कौन निभाएगा
M:- आएगा किस के खातिर ये रिश्ता कौन निभाएगा
आलू सिंह जी श्याम बहादुर जैसे कौन रिझायेगा
श्याम तो सच्चे प्रेमी का है दूजा कोई चुनाव नहीं
कोरस :- पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:- पहले जैसे भक्त नहीं अब हो ...........................
M:- लगते थे वो श्याम अखाड़े खुद बाबा तू रहता था
कोरस :- खुद बाबा तू रहता था
M:- तेरे कीर्तन में भक्तो की पीड़ा सारी तू हर लेता था
लाज बचा के मान बढ़ाया भक्तो की डूबी नाव नहीं
कोरस :- पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:- पहले जैसे भक्त नहीं अब .....................................
कोरस :- आ आ आ आ आ आ .................................................
M:- चमत्कार अब वैसे कहा है जैसे पहले होते थे
कोरस :- जैसे पहले होते थे
M:- चमत्कार अब वैसे कहा है जैसे पहले होते थे
ठाकुर भी भक्तो के दुःख में खुद भी व्याकुल होते थे
नरेश स्वार्थ ने मन फेरा बदला जमाना भाव नहीं
कोरस :- पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:- करते है सब अपना दिखावा श्याम से सच्चा लगाव नहीं
कोरस :- पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:- पहले जैसे भक्त नहीं अब हो ..................................
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