Current Date: 22 Nov, 2024

पहले जैसा भाव नहीं

- Naresh Chand Khatri


कोरस :-     जय जय श्याम श्याम श्याम जय जय श्याम श्याम श्याम 
M:-    पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं 
कोरस :-     पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं 
M:-    करते है सब अपना दिखावा श्याम से सच्चा लगाव नहीं 
कोरस :-     पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं 
M:-    पहले जैसे भक्त नहीं अब हो ...........................
कोरस :-     आ आ आ आ आ .......................................

M:-    आएगा किस के खातिर ये रिश्ता कौन निभाएगा 
कोरस :-     रिश्ता कौन निभाएगा 
M:-    आएगा किस के खातिर ये रिश्ता कौन निभाएगा 
    आलू सिंह जी श्याम बहादुर जैसे कौन रिझायेगा 
    श्याम तो सच्चे प्रेमी का है दूजा कोई चुनाव नहीं 
कोरस :-     पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:-    पहले जैसे भक्त नहीं अब हो ...........................

M:-    लगते थे वो श्याम अखाड़े खुद बाबा तू रहता था 
कोरस :-     खुद बाबा तू रहता था 
M:-    तेरे कीर्तन में भक्तो की पीड़ा सारी तू हर लेता था 
    लाज बचा के मान बढ़ाया भक्तो की डूबी नाव नहीं 
कोरस :-     पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं
M:-    पहले जैसे भक्त नहीं अब .....................................
कोरस :-     आ आ आ आ आ आ .................................................

M:-    चमत्कार अब वैसे कहा है जैसे पहले होते थे 
कोरस :-     जैसे पहले होते थे 
M:-    चमत्कार अब वैसे कहा है जैसे पहले होते थे 
    ठाकुर भी भक्तो के दुःख में खुद भी व्याकुल होते थे 
    नरेश स्वार्थ ने मन फेरा बदला जमाना भाव नहीं 
कोरस :-     पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं 
M:-    करते है सब अपना दिखावा श्याम से सच्चा लगाव नहीं 
कोरस :-     पहले जैसे भक्त नहीं अब पहले जैसे भाव नहीं 
M:-    पहले जैसे भक्त नहीं अब हो ..................................

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