जय पशुतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
भक्त जनों की संकट
दासों जनों के संकट
पल में दूर करें।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
अष्टमुखी शिव नाम तिहारो
शरण में आए तेरे
स्वामी शरण में आए तेरे
इक्षा फल प्रभु देहु
कष्ट हटाओ मेरे।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
शिव ना तट पर आप बिराजे
पूजे नर नारी
निशदिन तुमको ध्यावे
भक्तन हितकारी।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
तुम हो जग के स्वामी शंभू
अन धन के भरता
स्वामी अन धन के भरता
अष्टमुखी त्रिपुरारी
जग तम के हरता।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
तन मन धन सब अर्पण
आरती भोले गाएं
तुम हो दया के सागर
द्वार तुम्हारे आए।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
दास जनों के संकट
दासों जनों के संकट
पल में दूर करें।
जय पशुपतिनाथ हरे
जय पशुपतिनाथ हरे ||
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