Current Date: 18 Dec, 2024

पार्वती चालीसा (Parvati Chalisa)

- The Lekh


पार्वती चालीसा

॥ दोहा ॥
जय गिरी तनये दक्षजे
शम्भू प्रिये गुणखानि ।
गणपति जननी पार्वती
अम्बे! शक्ति! भवानि ॥

॥ चौपाई ॥
ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे ।
पंच बदन नित तुमको ध्यावे ॥

षड्मुख कहि न सकत यश तेरो ।
सहसबदन श्रम करत घनेरो ॥

तेऊ पार न पावत माता ।
स्थित रक्षा लय हिय सजाता ॥

अधर प्रवाल सदृश अरुणारे ।
अति कमनीय नयन कजरारे ॥

ललित ललाट विलेपित केशर ।
कुंकुंम अक्षत शोभा मनहर ॥

कनक बसन कंचुकि सजाए ।
कटी मेखला दिव्य लहराए ॥

कंठ मदार हार की शोभा ।
जाहि देखि सहजहि मन लोभा ॥

बालारुण अनंत छबि धारी ।
आभूषण की शोभा प्यारी ॥

नाना रत्न जड़ित सिंहासन ।
तापर राजति हरि चतुरानन ॥

इन्द्रादिक परिवार पूजित ।
जग मृग नाग यक्ष रव कूजित ॥ 10

गणेश जी का सबसे मनमोहक भजन: तेरी जय हो गणेश

गिर कैलास निवासिनी जय जय ।
कोटिक प्रभा विकासिनी जय जय ॥

त्रिभुवन सकल कुटुंब तिहारी ।
अणु अणु महं तुम्हारी उजियारी ॥

हैं महेश प्राणेश तुम्हारे ।
त्रिभुवन के जो नित रखवारे ॥

उनसो पति तुम प्राप्त कीन्ह जब ।
सुकृत पुरातन उदित भए तब ॥

बूढ़ा बैल सवारी जिनकी ।
महिमा का गावे कोउ तिनकी ॥

सदा श्मशान बिहारी शंकर ।
आभूषण हैं भुजंग भयंकर ॥

कण्ठ हलाहल को छबि छायी ।
नीलकण्ठ की पदवी पायी ॥

देव मगन के हित अस किन्हो ।
विष लै आपु तिनहि अमि दिन्हो ॥

ताकी तुम पत्नी छवि धारिणी ।
दुरित विदारिणी मंगल कारिणी ॥

देखि परम सौंदर्य तिहारो ।
त्रिभुवन चकित बनावन हारो ॥ 20

हनुमान जी की सबसे मधुर आरती: हनुमान आरती

भय भीता सो माता गंगा ।
लज्जा मय है सलिल तरंगा ॥

सौत समान शम्भू पहआयी ।
विष्णु पदाब्ज छोड़ि सो धायी ॥

तेहि कों कमल बदन मुरझायो ।
लखी सत्वर शिव शीश चढ़ायो ॥

नित्यानंद करी बरदायिनी ।
अभय भक्त कर नित अनपायिनी ॥

अखिल पाप त्रयताप निकन्दिनी ।
माहेश्वरी हिमालय नन्दिनी ॥

काशी पुरी सदा मन भायी ।
सिद्ध पीठ तेहि आपु बनायी ॥

भगवती प्रतिदिन भिक्षा दात्री ।
कृपा प्रमोद सनेह विधात्री ॥

रिपुक्षय कारिणी जय जय अम्बे ।
वाचा सिद्ध करि अवलम्बे ॥

गौरी उमा शंकरी काली ।
अन्नपूर्णा जग प्रतिपाली ॥

सब जन की ईश्वरी भगवती ।
पतिप्राणा परमेश्वरी सती ॥ 30

श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे

तुमने कठिन तपस्या कीनी ।
नारद सों जब शिक्षा लीनी ॥

अन्न न नीर न वायु अहारा ।
अस्थि मात्रतन भयउ तुम्हारा ॥

पत्र घास को खाद्य न भायउ ।
उमा नाम तब तुमने पायउ ॥

तप बिलोकी ऋषि सात पधारे ।
लगे डिगावन डिगी न हारे ॥

तब तब जय जय जय उच्चारेउ ।
सप्तऋषि निज गेह सिद्धारेउ ॥

सुर विधि विष्णु पास तब आए ।
वर देने के वचन सुनाए ॥

मांगे उमा वर पति तुम तिनसों ।
चाहत जग त्रिभुवन निधि जिनसों ॥

एवमस्तु कही ते दोऊ गए ।
सुफल मनोरथ तुमने लए ॥

करि विवाह शिव सों भामा ।
पुनः कहाई हर की बामा ॥

जो पढ़िहै जन यह चालीसा ।
धन जन सुख देइहै तेहि ईसा ॥ 40

माँ लक्ष्मी जी का स्तोत्र : अष्टलक्ष्मी स्तोत्रं

॥ दोहा ॥
कूटि चंद्रिका सुभग शिर,
जयति जयति सुख खा‍नि
पार्वती निज भक्त हित,
रहहु सदा वरदानि ।
॥ इति श्री पार्वती चालीसा ॥

Parvati Chalisa

॥ Doha ॥
Jay Giri Tanaye Dakshaje
Shambhu Priye Gunkhani ।
Ganpati Janani Parvati
Ambe! Shakti! Bhavani ॥

॥ Chaupai ॥
Brahma Bhed Na Tumharo Pave ।
Panch Badan Nit Tumko Dhyave ॥

Shadmukh Kahi Na Sakat Yash Tero ।
Sahasabadan Shram Karat Ghanero ॥

Teu Par Na Pavat Mata ।
Sthit Raksha Lay Hiy Sajata ॥

Adhar Praval Sadrsh Arunare ।
Ati Kamaniya Nayan Kajrare ॥

Lalit Lalat Vilepit Keshar ।
Kunkumm Akshat Shobha Manahar ॥

Kanak Basan Kanchuki Sajaye ।
Kati Mekhla Divya Laharaye ॥

Kanth Madar Har Ki Shobha ।
Jahi Dekhi Sahajahi Man Lobha ॥

Balarun Anant Chhabi Dhari ।
Abhushan Ki Shobha Pyari ॥

Nana Ratna Jadit Sinhasan ।
Tapar Rajati Hari Chaturanan ॥

Indradik Parivar Poojit ।
Jag Marg Nag Yaksh Rav Koojit ॥ 10

The most adorable hymn of Ganesha: Teri Jai Ho Ganesh

Gir Kailas Nivasini Jai Jai ।
Kotik Prabha Vikasini Jai Jai ॥

Tribhuvan Sakal Kutumb Tihari ।
Anu Anu Mahan Tumhari Ujiyari ॥

Hain Mahesh Pranesh Tumhare ।
Tribhuvan Ke Jo Nit Rakhware ॥

Unaso Pati Tum Prapt Kinh Jab ।
Sukrt Puratan Udit Bhe Tab ॥

Budha Bail Savari Jinki ।
Mahima Ka Gave Kou Tinki ॥

Sada Shmashan Bihari Shankar ।
Abhushan Hain Bhujang Bhayankar ॥

Kanth Halahal Ko Chhabi Chhayi ।
Nilakanth Ki Padavi Payi ॥

Dev Magan Ke Hit as Kinho ।
Vish Lai Apu Tinahi Ami Dinho ॥

Taaki Tum Patni Chhavi Dharini ।
Durit Vidarini Mangal Karini ॥

Dekhi Param Saundarya Tiharo ।
Tribhuvan Chakit Banvan Haro ॥ 20

Sweetest Aarti of Hanuman ji: Hanuman Aarti

Bhay Bhita So Mata Ganga ।
Lajja Maya Hai Salil Taranga ॥

Saut Saman Shambhu Pahayi ।
Vishnu Padabj Chhodi So Dhayi ॥

Tehi Kon Kamal Badan Murajhayo ।
Lakhi Satwar Shiv Shish Chadhayo ॥

Nityanand Kari Baradayini ।
Abhay Bhakt Kar Nit Anapayini ॥

Akhil Pap Trayatap Nikandini ।
Maheshwari Himalay Nandini ॥

Kashi Puri Sada Man Bhayi ।
Siddh Pith Tehi Apu Banayi ॥

Bhagwati Pratidin Bhiksha Datri ।
Kripa Pramod Saneh Vidhatri ॥

Ripukshay Karini Jay Jay Ambe ।
Vacha Siddh Kari Avalambe ॥

Gauri Uma Shankari Kali ।
Annapurna Jag Pratipali ॥

Sab Jan Ki Ishvari Bhagavati ।
Patiprana Parameshvari Sati ॥ 30

Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

Tumne Kathin Tapasya Kini ।
Narad Son Jab Shiksha Lini ॥

Ann Na Neer Na Vayu Ahara ।
Asthi Matratan Bhayu Tumhara ॥

Patra Ghas Ko Khadya Na Bhayu ।
Uma Nam Tab Tumne Payu ॥

Tap Biloki Rishi Sat Padhare ।
Lage Digavan Digi Na Hare ॥

Tab Tab Jai Jai Jai Uchchareu ।
Saptrshi Nij Geh Siddhareu ॥

Sur Vidhi Vishnu Pas Tab Aaye ।
Var Dene Ke Vachan Sunaye ॥

Mange Uma Var Pati Tum Tinason ।
Chahat Jag Tribhuvan Nidhi Jinason ॥

Evamastu Kahi Te Dou Gaye ।
Suphal Manorath Tumne Laye ॥

Kari Vivah Shiv Soun Bhama ।
Punah Kahai Har Ki Bama ॥

Jo Padhihai Jan Yah Chalisa ।
Dhan Jan Sukh Deihai Tehi Isa ॥ 40

Stotra of Mother Lakshmi: Ashtalakshmi Stotram

॥ Doha ॥
Kooti Chandrika Subhag Shir,
Jayati Jayati Sukh Kha‍ni
Parvati Nij Bhakt Hit,
Rahahu Sada Varadani ।
॥ Iti Shri Parvati Chalisa ॥

और भी मनमोहक भजन, आरती, मंत्र, वंदना, चालीसा, स्तुति :-

अगर आपको यह चालीसा अच्छी लगी हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें एवं किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए कमेंट करें।

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।