Current Date: 19 Jan, 2025

परसों की कहके वर्षो ना आये

- अविनाश कर्ण


वो दिन दिल दुखाए,
बहुत दिल दुखाए,
कहके गए थे लौट,
आओगे परसो,
परसो की कहके,
बरसो ना आए,
वो दिन दिल दुखाए,
बहुत दिल दुखाए।।

तर्ज – मुझे श्याम अपने गले से।

रास्ते रो रहे,
हर गली रो रही,
बाग़ भी रो रहे,
हर कली रो रही,
तुम्हे लौटा लाने को,
उद्धव को भेजा,
तुम्हे वो मनाए,
मगर तुम ना आए,
वो दिन दिल दुखाए,
बहुत दिल दुखाए।।

याद आती नहीं,
क्या हमारी तुम्हे,
दे रहे है कसम,
हम तुम्हारी तुम्हे,
अगर चंद दिन में,
ना आए कन्हैया,
हम जान देंगे,
बिना मौत आए,
वो दिन दिल दुखाए,
बहुत दिल दुखाए।।

राधिका हो गई,
बावरी सी यहाँ,
गोरी से हो गई,
सांवरी सी यहाँ,
अगर ना दिखाओगे,
आकर के सूरत,
राधा तुम्हारी,
कही मर ना जाए,
वो दिन दिल दुखाए,
बहुत दिल दुखाए।।

वो दिन दिल दुखाए,
बहुत दिल दुखाए,
कहके गए थे लौट,
आओगे परसो,
परसो की कहके,
बरसो ना आए,
वो दिन दिल दुखाए,
बहुत दिल दुखाए।।

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