Current Date: 17 Nov, 2024

परदे में बैठे बैठे

- श्री चित्र विचित्र जी महराज।


परदे में बैठे बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए।।

परदा तेरा हमे नही,
मंजूर सांवरे,
बैठा है छुप के दीवानो से,
क्यों दूर सांवरे,
मैं भी तो आया दो कदम,
ज़रा तुम भी बढ़ाइए,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए।।

हम चाहने वाले हैं तेरे,
हमे है तुमसे मोहब्बत,
कर दो करम ज़रा दिखा दो,
अब सांवरी सूरत,
प्यासी निगाहे दीद की,
जरा नजरे मिलाइए,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए।।

तेरी इक झलक को प्यारे,
मेरा अब दिल बेकरार है,
दीदार की तमन्ना मुझे अब,
तेरा इंतजार है,
रह रह के हमे इस तरह,
यूँ न सताइए,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए।।

तू ही जिंदगी है बंदगी,
तू ही आरजू हमारी,
अरमान मेरे दिल का करो,
पूरा बांके बिहारी 
‘चित्र विचत्र’ को अपने प्रेम का,
पागल बनाइये ,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए।।

परदे में बैठे बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,
आ गए तेरे दीवाने,
जरा परदा हटाइए।।

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