Current Date: 18 Jan, 2025

पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ

- संजय मित्तल जी।


पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात जब मैं बैठा हूँ,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ।।

तर्ज – पल पल दिल के पास।

तुफान के आगे, तेरा दिल घबराता है,
मै साथ हूँ तेरे, तू भूल जाता है,
जब आंख तेरी भरती, दिल मेरा रोता है,
मेरे आंसू का कतरा, तेरी आंख में होता है,
जब दुख में हो बेटा, तो बाप भी रोता है,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ।।

संघर्ष है जीवन, संघर्ष किए जा तू,
सुख दुख दो पहलू है, मस्ती में जिए जा तू,
क्यूं हारता तू ऐसे, हालातो के आगे,
तेरा हौसला बन के, जब मैं चलता सागे,
मैं भी हूँ नही सोता, जो तू रतिया जागे,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ।।

ये दौर बितेगा, नया दौर आएगा,
कांटो की राहों पर, चलना आ जाएगा,
है रात काली तो, दिन भी ऊग जाएगा,
विश्वास रख मुझपे, रस्ता मिल जाएगा,
जीवन की पहेली को, तू खुद सुलझाएगा,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ।।

नैया जो लहरो में, तेरी डूब जाएगी,
तेरी लाज जाएगी, तो मेरी लाज जाएगी,
मैं आत्मा तेरी, अहसास हूँ तेरा,
क्यों घबराता जब मैं, विश्वास हूँ तेरा,
बोलूँ ना अकेला तू, संग श्याम है तेरा,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ।।

पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात जब मैं बैठा हूँ,
पल पल तेरे साथ मैं रहता हूँ।।

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