M:- एकादशी का पावन व्रत जो भी मनुष्य करता है उसका जीवन सफल हो जाता है श्री हरी की अपार कृपा मिलती है आइये सोमा मंडल जी की अपार रचना आप सभी के बीच सुना रहा हूँ
एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
जन्म सफल हो गया उसका पाया हरी की कृपा वो
कोरस :- एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
M:- श्री हरी परम दयालु सृष्टि में रखते है भक्तो को अपनी दृष्टि में
श्री हरी परम दयालु सृष्टि में रखते है भक्तो को अपनी दृष्टि में
महिमा गुणगान उनका गाय है जो महिमा गुणगान उनका गाय है जो
जन्म सफल हो गया उसका पाया हरी की कृपा वो
कोरस :- एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
M:- उनके जैसे दूजा नहीं आधार वही तो करते है भव सागर पार
उनके जैसे दूजा नहीं आधार वही तो करते है भव सागर पार
गया सब त्याग उनकी शरण में तू गया सब त्याग उनकी शरण में तू
जन्म सफल हो गया उसका पाया हरी की कृपा वो
कोरस :- एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
M:- मुर्ख मन मेरे समझाऊँ मै तुझे उनसे दूर कही तृष्णा नहीं मुझे
मुर्ख मन मेरे समझाऊँ मै तुझे उनसे दूर कही तृष्णा नहीं मुझे
भजा है उनको श्रद्धा भक्ति से जो भजा है उनको श्रद्धा भक्ति से जो
जन्म सफल हो गया उसका पाया हरी की कृपा वो
कोरस :- एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
एकादशी का व्रत कर के भजा है हरी को जो
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