Current Date: 18 Nov, 2024

ओम जय गुरु बलिहारी

- Tara Devi


॥ श्री गुरुदेव की आरती॥ 

F:- ओम जय गुरु बलिहारी
स्वामी जय गुरु बलिहारी
जय जय मोह विनाशक -2
भव बंधन हारी
ओम जय गुरु बलिहारी
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
स्वामी जय गुरु बलिहारी
जय जय मोह विनाशक -2
भव बंधन हारी
ओम जय गुरु बलिहारी
F:- ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
गुरु मूरत धारी
कोरस:- स्वामी गुरु मूरत धारी
F:- वेद पुराण बखानी -2
गुरु महिमा भारी
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
F:- जप तप तीरथ संयम
दान विविध दीजिए
कोरस:- स्वामी दान विविध दीजिए
F:- गुरु बिना ज्ञान ना होवे -2
कोटि रतन कीजिए
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
F:- माया मोहन देवे
देव बंधे सारे
कोरस:- स्वामी देव बंधे सारे
F:- नाव जहाज बिठाकर -2
गुरु पल में तारे
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
F:- काम क्रोध मद मत्सर
चोर बड़े भारी
कोरस:- स्वामी चोर बड़े भारी
F:- ज्ञान खड़ग लेकर में -2
गुरु सब संघारे
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
F:- नाना पंथ जगत में
निज निज गुण गावे
कोरस:- स्वामी निज निज गुण गावे
F:- सब का सार बता कर -2
गुरु महारथ नावे
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
F:- गुरु चरणामृत निर्मल
सब पातक हारी
कोरस:- स्वामी सब पातक हारी
F:- सुनत बचन कमला से -2
सब शंशय हारी
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
 F:- तन मन धन सब अर्पण
गुरु चरणन की जय
कोरस:- स्वामी गुरु चरणन की जय
F:- ब्रह्मानंद परम पद -2
मोक्ष गति दीजिए
ओम जय गुरु बलिहारी
कोरस:- ओम जय गुरु बलिहारी
स्वामी जय गुरु बलिहारी
जय जय मोह विनाशक -2
भव बंधन हारी
ओम जय गुरु बलिहारी
 

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