Current Date: 22 Nov, 2024

श्री गणपति आरती

- Tara Devi


F:-        ॐ जय गणपति देवो  हरी जय गणपति देवा 
आरती करते तुम्हारे आरती करते तुम्हारे इनको वर देवो 
ॐ जय गणपति देवो  
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  हरी जय गणपति देवा 
आरती करते तुम्हारे आरती करते तुम्हारे इनको वर देवो 
ॐ जय गणपति देवो  

F:-        रिद्धि देवो सिद्धि देवो अष्ट नव निधि देवो 
कोरस :-     हरी अष्ट नव निधि देवो 
F:-        भक्ति करते तुम्हारे भक्ति करते तुम्हारे इनको वर देवो 
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  

F:-        लम्बोदर पद्मासन सिंघासन सोहे 
कोरस :-     हरी सिंघासन सोहे 
F:-        ब्रह्मा ऋषि मुनि धायवे ब्रह्मा ऋषि मुनि धायवे  इनको वर देवो 
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  

F:-        देवी सूत गजेश्वर कर कंगन सोहे 
कोरस :-     हरी कर कंगन सोहे
F:-        मस्तक तिलक बिराजे मस्तक तिलक बिराजे दन्तावली सोहे 
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  

F:-        तुम सत्पति शिव नंदन असुर निकंदन हो 
कोरस :-     हरी असुर निकंदन हो 
F:-        कान कुण्डल सोहे कान कुण्डल सोहे निर्गुण गुण देवो 
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  

F:-        वेद शास्त्र उचारे चतुर्भुजी देवो 
कोरस :-     हरी चतुर्भुजी देवो 
F:-        जय करता रिद्धि करता जय करता रिद्धि करता निर्धन  धन देवो 
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  

F:-        जो नर आरती गावे गणपति को धावे 
कोरस :-     हरी  गणपति को धावे 
F:-        सेवक शरण तुम्हारी सेवक शरण तुम्हारी वांछित फल पावे 
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  
F:-        ॐ जय गणपति देवो  हरी जय गणपति देवा 
आरती करते तुम्हारे आरती करते तुम्हारे इनको वर देवो 
ॐ जय गणपति देवो  
कोरस :-     ॐ जय गणपति देवो  हरी जय गणपति देवा 
आरती करते तुम्हारे पूजा करते तुम्हारे इनको वर देवो 
ॐ जय गणपति देवो 

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