Current Date: 17 Nov, 2024

औघड़ दानी शम्भु

- Praveen Varshney


सोमश्वराये विश्वेशराये त्रयम्बकाये त्रिनोचनाय
भस्मांगरागाय नील कंठाय सदा शिवाय महेश्वराये 
ॐ नमः शिवाय नमो नमो शिव नमो नमो शिव बन बन भोले -२
कोरस:-     बन बन भोले -२
स्थायी :-     हम है दीवाने तेरे तेरे मस्ती में रहते 
                ये  तेरी दुनिया वाले हमको मस्ताने कहते 
                तेरी आवाहन करते हम पूजा करके -२
               आओ जी आओ भोले नंदी पे चढ़के -४
अंतरा:-        भूत प्रेत चांडाल चौकड़ी नाचे तेरे इशारे पे 
                  चुड़ैल डंकिनी और पिशाचिनी रहती तेरे द्वारे पे 
                  शुक्कर शनिचर दोनों तेरी सेवा में रहते 
तोड़ :-         सुबह को हर हर शम्भु संध्या को बमबम जपते 
तोड़ :-         सुट्टा चिल्लम में मारे सल्फा गांजा भरके -२
                  आओ जी आओ भोले नंदी पे चढ़के -४
अंतरा :-       तुमने ही भक्तो की खातिर पिया था विष का प्याला 
                  रावण जैसे एक भक्त को लंकापति बना डाला 
तोड़ :-         जबसे ये दुनिया वाले तुमको वरदानी कहते 
                  तेरी भक्ति में डूबे ज्ञानी और सायानी कहते 
तोड़ :-         लगा समाधी लेने ध्यान तेरा धरके -२
                  आओ जी आओ भोले नंदी पे चढ़के -४
अंतरा :-       अपने तन पे भस्म रमा के रहते तुम शमशानों में 
                  महिमा तेरी लिखी हुई है वेदो और पुराणों में 
तोड़ :-         तेरे भजन को प्रवीण गाता है तुझमे रम के 
                  राज अनाड़ी केवल तेरे भरोसे रहते 
तोड़ :-         अपना बनाये रखना मुझपे दया करके -२
                  आओ जी आओ भोले नंदी पे चढ़के
जिसने भी भोले नाथ की कावड़ उठायी है 
भोले ने उसकी बिगड़ी पल में बनायीं है 

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