ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ ,
ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ|
जुदा रहे ये विधि का विधान बदल में नहीं पाऊ|
अब तु ही बस तु ही है मेरी खुसी ,
बिन तेरे कुछ भी नहीं है मेरी ज़िन्दगी…
हर सास लिखी तेरे नाम ,
तेरा हो जाऊ |
बिरहा की नगरी में नित तडपे तेरा कान्हा ,
वो राधा बिन तेरे तेरा ये कान्हा है आधा …
तुम बिन जीवन सुन्सार ,
तुझेमें ही बसे मेरा बान ,ये कैसे सम्जाहू |
जुदा रहे ये विधि का विधान बदल में नहीं पाव|
ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ ,
ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ |
मेरे मन मंदिर में तेरे मूरत बस्ती है ,
रह रहके तेरे यादे पीड़ा बन उठती है …
सच कहता हु में मार
राधा ही तु मेरे जान जी सकू न मर पाऊ|
जुदा रहे ये विधि का विधान बदल में नहीं पाव |
ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ ,
ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ |
कब मिला किसी को है किस्मत से कुछ जादा ,
देवन्द्र मुकेश सदा कहे राधा कहे कान्हा..२ …
तेरे मेरी प्रीत महान जैसे चकोर और चाल
काश तेरा हो जाऊ |
जुदा रहे ये विधि का विधान बदल में नहीं पाव|
ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ ,
ओ मेरे दिल का था ये अरमान के तेरा हो जाऊ ||
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