Navratri Kanya Pujan 2023 आज नवरात्र का 8वां दिन है और लोग कन्या पूजन की तैयारी में जूट गए हैं। कुछ लोग अष्टमी के दिन कन्या पूजते हैं तो वहीं कुछ लोग नवमी के दिन भी बालिकाओं की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस पूजा से देवी मां बहुत प्रसन्न होती हैं। अगर आप भी कन्या पूजन की तैयारी कर रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
नवरात्र में नौ दिन तक मां के कई रूपों की पूजा की जाती है। नौ दिनों तक व्रत रखकर नवमी तिथि में नौ कन्या का पूजन करने की परंपरा है। लोग अपने घर में नौ कन्या को आमंत्रित करते हैं, सभी विधि विधान से उनका पूजन करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। इस पूजन को कंजक पूजन भी कहते हैं। कंजक का अर्थ है कुंवारी कन्या। कुछ लोग ये पूजन अष्टमी तिथि को भी करते हैं। इस बार नवरात्र में 23 अक्टूबर को नवमी तिथि पड़ रही है, तो इस दिन कैसे करें नौ कन्या का पूजन, आइए जानें।
कैसे करें कन्या पूजन
कन्या पूजन के लिए कन्याओं को एक दिन पहले सम्मान के साथ आमंत्रित करें. खासकर कन्या पूजन के दिवस ही कन्याओं को यहां-वहां से एकत्र करके लाना उचित नहीं होता है. गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करना चाहिए. नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाना चाहिए.
इस तरह करें कन्या पूजन
- सुबह घर की धुलाई करें और मंदिर और द्वार साफ करें।
- नहा धोकर नौ कन्या के पूजन की सामग्री एकत्रित करें।
- जब सभी कन्याएं आ जाएं, तो बारी बारी से उनके पैर धुलें।
- पैर धुलने के बाद उन्हें आसनी पर बिठाएं।
- बैठाने के बाद सभी नौ कन्या का तिलक करें, रोली अक्षत लगाएं।
- एक-एक चुनरी ओढ़ा कर उनकी आरती उतारें।
- सभी के सामने खाने की थाली और पानी का गिलास रखें।
- थाल में काला चना, फल और पूड़ी-खीर परोसें।
- गिलास में पानी डालें।
- इसके बाद सभी को प्रसाद ग्रहण करने का अनुरोध करें।
- जब सभी कन्याएं खा लें, तब इनका हाथ धुला कर इन्हें दक्षिणा दें।
- पैर छूकर आशीर्वाद लें और स्नेह से विदा करें।
- अगर आपको 9 कन्याएं नहीं मिल पा रही हैं , तो 5 या 7 कन्या का पूजन भी कर सकते हैं।
- कुछ लोग आजकल के बच्चों की पसंद के हिसाब से उन्हें टॉफी, चॉकलेट, रुमाल, प्लेट, गिलास इत्यादि भी देते हैं। उद्देश्य मात्र इतना होता है कि सभी कन्या घर से खुश हो कर विदा लें।
कन्या भोज के लिए क्या खिलाये
हिंदू धर्म में नवरात्रि का एक अलग ही महत्व माना गया है. इस साल की शारदीय नवरात्रि कुछ ही दिनों में आने वाली है. नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान माता के 9 रूपों को पूरे विधि विधान से पूजा जाता है. यह 9 दिन बिल्कुल एक उत्सव की तरह होते है जिसमें अष्टमी और नवमीं को कन्या भोजन कराया जाता है. कन्या भोज भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. कन्या भोजन में बच्चियों को हलवा पूड़ी खिलाया जाता है और माता को भोग लगाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते है आप मातारानी को हलवा पूड़ी के अलावा भी बहुत सी चीजों का भोग लगा सकते है. इस आर्टिकल के जरिए आपको उन चीजों के बारे में बताते है जिनका भोग आप हलवा पूड़ी के अलावा लगा सकते है.
1. बादाम का हलवा
बादाम की सेहत से जुड़े फायदे तो हम सभी जानते हैं. इन्हीं फायदों से भरपूर बादाम का हलवा आप इस नवरात्रि कन्या पूजन में कन्याओं को खिला सकते हैं. बादाम का हलवा जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही सेहतमंद भी. तो इस कन्या पूजन हलवे की जगह बादाम का हलवा खिलाएं और कन्याओं को प्रसन्न करें.
2.जलेबी
बच्चियों को जलेबियां बहुत पसंद होती हैं और यह सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली मिठाइयों में से भी एक है. आप चाहें तो महज आधे घंटे के अंदर घर पर ही जलेबी बना सकती हैं. तो इस बार अगर कन्या पूजन पर कन्याओं को कुछ अलग खिलाना है तो हलवे की जगह जलेबी खिला सकती हैं.
3.खीर
घर पर कोई भी पूजा हो या त्योहार खीर के बिना भोग अधूरा है. इस नवरात्रि कन्या पूजन में आप भोग के रूप में खीर बनाकर चढ़ा सकते हैं. कन्याओं को भी खीर बहुत पसंद होती है. तो इस नवरात्र आप कन्या पूजन में खीर पूड़ी भी खिला सकते हैं.
4.बर्फी
मिठाई प्रेमियों की सबसे पंडीदा मिठाई बर्फी है. यह त्योंहारों पर तो बनाई ही जाती ही है लेकिन आप इसे माता को भोग के रूप में भी चढ़ा सकते है. कन्या भोज में हलवा-पूड़ी के साथ बर्फी खिलाएंगे तो कन्याएं खुश हो जाएंगी.
कन्या पूजन में कन्याओं को ये 6 वस्तुएं ज़रूर करें भेंट
श्रृंगार सामग्री
नवरात्रि में कन्या पूजन और कन्या भोज के बाद नन्हीं कन्याओं और देवियों को श्रृंगार सामग्री उपहार में देनी चाहिए. मान्यता है कि यदि आप श्रृंगार सामग्री माता रानी के चरणों में अर्पित करते हैं और उसके बाद कन्याओं को भेंट कर देते हैं तो यह श्रृंगार सामग्री सीधा माता के द्वारा स्वीकार कर ली जाती है.
चावल या ज़ीरा
नवरात्रि में कन्याओं को चावल और गुड़ दिया जाता है. ऐसा करने से घर में अनाज की कमी नहीं रहती है. नवरात्रि में कन्या भोज के बाद कन्याओं को विदा करते समय थोड़े से चावल और जीरा ज़रूर दें. इससे आपके घर पर सुख-सम्पदा बनी रहेगी और घर में कभी भी ख़ान-पान से संबंधित कमी नहीं होगी.
फल
नवरात्रि के दौरान कन्या भोज में आई कन्याओं को फल अवश्य देना चाहिए. इससे आप को अपने अच्छे कर्मों का फल कई गुना बढ़कर मिलता है. शारदीय नवरात्रि के दौरान आप कन्या भोज के बाद कन्याओं को केला और नारियल दे सकते हैं. केला भगवान विष्णु का प्रिय फल माना जाता है और नारियल लक्ष्मी माता का सबसे पसंदीदा फल है. ये दोनों दान करने से आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे.
मिठाई
पूजा में कन्याओं को एक मिठाई ज़रूर खिलानी चाहिए. यदि आप मिठाई नहीं बना पा रहे हैं तो शुद्ध ढंग से तैयार किया सूची या आटे का हलवा भी कन्याओं को खिला सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले माता रानी को भोग लगाएं और फिर कन्याओं को ये भोग परोसे..इससे आप पर माता रानी की विशेष कृपा होगी.
सिक्के
कन्या पूजन में कन्याओं को विदा करते समय सिक्के ज़रूर देना चाहिए. इससे माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहती है. कहा जाता है कि कन्याओं को सिक्के देने से लक्ष्मी मां प्रसन्न होती हैं.
लाल वस्त्र
नवरात्रि में आप कन्या भोज करवा रहे हैं तो कन्याओं को लाल वस्त्र या लाल रंग की चुनरी ज़रूर देनी चाहिए. लाल रंग वृद्धि और सुख समृद्धि का प्रतीक है और माता की पोशाक में लाल रंग का विशेष महत्व होता है. लाल रंग माता रानी को बहुत पसंद होता है और इससे उपहार देने से आपका मंगल मज़बूत होता है.
कन्या पूजन में क्या करना चाहिए
- कन्या पूजने के लिए सबसे पहले आप 9 कन्याओं को अपने घर में बड़े आदर के साथ बुलाकर अपने घर में लाएं.
- कन्या पूजन में 9 कन्याओं को 9 देवियों का स्वरूप माना गया है, इसलिए कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं को ही बुलाएं. यदि एक साथ 9 कन्या न मिले तो आप जितनी कन्या आई हों उनका पूजन करके बाकी की कन्याओं के लिए उपहार और भोग लगा दें और बाद में उसे कन्याओं को दे दें.
- 9 कन्या के साथ एक या दो बालक को बुलाने का भी विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार ये दो बालक गणपति और भगवान भैरव का प्रतीक होते हैं. घर में कन्याओं के आ जाने के बाद उनके पैर धुलें. यदि आप व्रत और पूजन कर रहे हैं तो पुण्य की प्राप्ति के लिए आप ही धुलें और किसी से न धुलवाएं.
- कन्याओं का पैर धोने के बाद उनका रोली, चंदन, आलता, पुष्प आदि से पूजन करें.
- कन्या पूजन के बाद उन्हें अक्षत देकर अपने ऊपर छिड़कर आशीर्वाद देने को कहें.
- सबसे अंत में कन्याओं को दरवाजे तक या फिर उनके घर में आदर के साथ छोड़ने जरूर जाएं.
कन्या पूजन में क्या नहीं करना चाहिए
- कन्या को उनकी रूचि के अनुसार ही भोग, फल खाने के लिए दें. उन पर खाने के लिए दबाव न डालें.
- कन्याओं को बुलाकर किसी भी कन्या का अपमान न करें. किसी भी कन्या को न रुलाएं और उन्हें खुशी-खुशी विदा करें.
- घर में आई 9 कन्या और बालक को बगैर कोई उपहार या दक्षिण के विदा न करें.
- कन्या को बासी भोजन न कराएं. उन्हें ताजा बना हुआ ही भोग ही खाने के लिए दें.
- कन्या के लिए बनाए जाने वाले भोग में लहसुन और प्याज आदि न डालें.
- कन्या पूजन करने के बाद जब कन्या चली जाएं तो तुरंत घर की सफाई नहीं करना चाहिए.
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