Current Date: 03 Dec, 2024

नाकोड़ावाले भैरू बाबा, लीला तेरी हैं सबसे निराली भजन

- Traditional


तुम्हें सिर्फ याद करने से तुफान भी हट जाते हैं,
जुबान पे नाम जो आए तो समंदर भी सिमट जाते है ।।

अम्बा के नंदन, हे दुख भंजन, सुन लो अब तो विनती हमारी,
नाकोड़ावाले भैरू बाबा, लीला तेरी हैं सबसे निराली,
कबसे खड़े है दर पे तुम्हारे, ईच्छा करने की हुई पुजा तुम्हारी,
नाकोड़ावाले भैरू बाबा, लीला तेरी हैं सबसे निराली..

ओ मेरे भैरू देवा, करे पारस की सेवा,
ध्यान जो भी लगाएं, अमरपद को वो पाएं ।
भक्त जो राह भटके, चाहे मार्ग में अटके,
उन्हें मार्ग दिखाएं, चलना उनको सिखाएं ।
अमीरों का सहारा, गरीबों का गुजारा,
कैसे इस जग में अब नैय्या पार लगाएं ।
कोई ना साथी, कोई ना मांझी,
डूबती नैय्या को गर ना उबारें ।
नाकोड़ावाले भैरू बाबा, लीला तेरी हैं सबसे निराली..

भक्त करें मांग तबकी, तुम्हें हैं याद सबकी,
निपुत को पुत देता, रोटी भुखे को देता ।
बिछुडो को मिलाता, धैर्य मायुस को देता,
जिसे सबने गिराया, उसे तुने संभाला ।
तुने दुनियां संवारी, क्यों ना सुनता हमारी,
भैरू की कव्वाली को, 'भक्त मोहन' ये गाएं,
लाएं मुरादें, मन में संजोए,
आएं चौकट पे लाखो नर-नारी ।।
नाकोड़ावाले भैरू बाबा, लीला तेरी हैं सबसे निराली..

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