Current Date: 17 Nov, 2024

नैनो में समा जा

- श्री चित्र विचित्र जी महराज।


नैनो में समा जा साँवरिया,
मेरे दिल में समा जा साँवरिया,
रग रग में रमा जा साँवरिया,
नैनो मे समा जा साँवरिया।।

श्याम सलोने की सुरतिया प्यारी,
पिला पटका कावलिया काली,
प्यारी बसुरिया बजा जा,
आजा रास रचा जा,
वो ही रस बरसा जा साँवरिया,
नैनो मे समा जा साँवरिया।।

साँवरिया मेरा बांसुरी वाला,
प्यारा प्यारा वो नंदलाला,
में थी भूली अनजानी,
बनी तेरी दीवानी,
वही प्यार लुटा जा साँवरिया,
नैनो मे समा जा साँवरिया।।

कर गया मेरे चित की चोरी,
प्रीत में लोक लाज सब छोड़ी,
प्यारा मुखड़ा दिखा जा,
आजा प्रीत निभा जा,
मोहे अपना बना जा साँवरिया,
नैनो मे समा जा साँवरिया।।

चित्र विचित्र के प्राण तुम ही हो,
पागल के अरमान तुम ही हो,
आके धीर बंधा जा,
रसिया रस बरसा जा,
वही रंग जमा जा साँवरिया,
नैनो में समा जा साँवरिया।।

नैनो में समा जा साँवरिया,
मेरे दिल में समा जा साँवरिया,
रग रग में रमा जा साँवरिया,
नैनो मे समा जा साँवरिया।।

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