काजल तो किरकिर करे और सुरमो फैलयो जाए -2
ई नैनण मे कुण बसे जा नैनण मे श्याम समाये
ऐ री नैनण मे श्याम समाई ग्यो मोहे प्रेम को रोग लगए ग्यो -4
लूट जाऊँगी -2 श्याम तोरी लटकन पे -2
मिट जाऊँगी श्याम तोरी मटकन पे - 2
ओ वो तो मधुर मधुक मुस्काये ग्यो – 2
मोहे प्रेम को रोग लगए ग्यो
ऐ री नैनण मे श्याम समाई ग्यो मोहे प्रेम को रोग लगए ग्यो
मर जाऊँगी-2 श्याम तोरे नैनण पे - 2
वारी जाऊँगी श्याम तोरे बैनन पे – 2
ओ वो तो तिरछी नजर चलाये ग्यो -2
मोहे प्रेम को रोग लगए ग्यो
ऐ री नैनण मे श्याम समाई ग्यो मोहे प्रेम को रोग लगए ग्यो
ओ ये तो पागल को -2 प्यारो है, नंदलाला – 2
दिवाने भये जाके सब ग्वाला – 2
ओ ये तो सपने मे बतलाये ग्यो – 2
मोहे प्रेम को रोग लगए ग्यो
ऐ री नैनण मे श्याम समाई ग्यो मोहे प्रेम को रोग लगए ग्यो -3
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