Current Date: 25 Nov, 2024

नहीं कोई अपना

- Satyandra Pathak


M:-    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ  
    सभी कुछ ही सपना है जग में यहाँ 
    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ  
    सभी कुछ ही सपना है जग में यहाँ 
    सभी रिश्ते नाते दिखावे के है 
    मोहोब्बत नहीं है छलावे के है दिखावे के है 
    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ  
    सभी कुछ ही सपना है जग में यहाँ 

M:-    अपने ही धुन में खोये है सब 
    अपने ही सपने संजोये है सब 
    यहाँ ना किसी को भी परवाह है 
    भटके हुए को नहीं राह है 
    अब अपने ही दम पे है जीना यहाँ 
    घुट घुट के गम को है पीना यहाँ 
    सभी रिश्ते नाते दिखावे के है 
    मोहोब्बत नहीं है छलावे के है दिखावे के है 
    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ  
    सभी कुछ ही सपना है जग में यहाँ 

M:-    जलता है दिलबर कहे किससे हम 
    मोहोब्बत में अब कुछ रहा ना गम 
    अकेले ही आंसू को पीते रहे 
    तड़पते रहे और पीते रहे 
    समय का यही चल रहा खेल है 
    जमाना अब यही रहा झेल है 
    सभी रिश्ते नाते दिखावे के है 
    मोहोब्बत नहीं है छलावे के है दिखावे के है 
    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ  
    सभी कुछ ही सपना है जग में यहाँ 

M:-    करे क्या कोई राह दिखती नहीं 
    अँधेरा है रोशन सी डटती नहीं 
    समय का यही चल रहा दौर है 
    चारो तरफ बस यही शोर है 
    करने से चिंता ना कुछ होयेगा 
    चुप रहने से सब भला होयेगा 
    सभी रिश्ते नाते दिखावे के है 
    मोहोब्बत नहीं है छलावे के है दिखावे के है 
    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ  
    सभी कुछ ही सपना है जग में यहाँ 
    सभी रिश्ते नाते दिखावे के है 
    मोहोब्बत नहीं है छलावे के है दिखावे के है 
    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ  
    सभी कुछ ही सपना है जग में यहाँ 
    मोहोब्बत नहीं है छलावे के है दिखावे के है 
    नहीं कोई अपना है जग में यहाँ 

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