दिन रैना सब ये बीते बीते ये कितनी भोर
मेरो माखन धरो ही रह गयोआओ ना माखन चोर
१
तुमको ही ढूंढे ही ये सारी गालिया
आ जो सांवरे छिपे कहा छलिया
तुझको ही ढूंढे ही ये सारी गालिया
आ जो सामने छिपे कहा छलिया
तेरे बिन सावरिया ना मचको बालन शोर
मेरो माखन धरो ही रह गयोआओ ना माखन चोर
२
पूछता है हमसे ये गोकुल सारा कहा गया सावरिया हमारा
पूछता है हमसे ये गोकुल सारा कहा गया सावरिया हमारा
ना अब कुछ भी दिखे जो देखु चारो और
मेरो माखन धरो ही रह गयोआओ ना माखन चोर
३
कहती हु में ये उड़ती धूल सी मिल जाए जो तुझे कान्हा भूल सी
कहता हु में ये उड़ती धूल से मिल जाए जो तुझे कान्हा भूल से
कहना उस छलिये से मोहित बंसल ना कोई और
मेरो माखन धरो ही रह गयोआओ ना माखन चोर
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