मुरली बजाने वाले,
गिरवर उठाने वाले।
तर्ज – दिल मे तुझे बिठा के।
मुरली बजाने वाले,
गिरिवर उठाने वाले,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
मैं दास हूँ तुम्हारा।।
ढूंढ लिया जग सारा मैंने,
दर्श न तेरा पाया,
जब मन को एकाग्र किया तो,
तू दिल बीच समाया,
भव पार करने वाले,
बांके बिहारी हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
मैं दास हूँ तुम्हारा।।
तेरी माया ने प्रभु मुझको,
जग में खूब नचाया,
दीनबंधु भवतारण प्रभु जी,
नाम तुम्हारा गाया,
सर्वत्र रहने वाले,
श्री राधा रमण हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
मैं दास हूँ तुम्हारा।।
मुरली बजाने वाले,
गिरिवर उठाने वाले,
मैं दास हूँ तुम्हारा,
मैं दास हूँ तुम्हारा।।
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