Current Date: 21 Nov, 2024

मुकुट सिर मोर का (Mukut Sir Mor Ka)

- Prem Mehra


मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का |

दो नैना नैना नैना, दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से ||

आजा के भरलु तुझे, अपनी बाहो में |
आजा छिपा लु तुझे, अपनी निगाहो में ||

दीवानों ने विचार के, कहा ये पुकार के |
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ||

रास बिहारी नहीं, तुलना तुम्हारी |
तुमसा ना देखा कोई, पहले अगाडी ||

के नुनराए वार के, के नजरे उतार के |
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ||

प्रेम लजाये तेरी, बाँकी अदाओं पर |
फुले घटाए तेरी, तिरछी निगाहो पर ||

की सौ चाँद वार के, दीवाने गए हार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से।।

मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का |

दो नैना नैना नैना, दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से ||

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