मुकुट बिराजे मोरपंख साजे मन म्हारो हर्षायो - Mukut biraje Morpankh saje man maharo harshayo
खाटू में लगा के दरबार,
के सजधज बैठ्यो है सरकार,
थारो दर्श मिले एक बार,
जनम म्हारो हो जासी साकार,
खाटू में लगा के दरबार,
के सजधज बैठ्यो है सरकार.....
मुकुट बिराजे मोरपंख साजे मन म्हारो हर्षायो,
माथे पे चन्दन तिलक यूँ दमके सारो जग चमकायो,
थारी झलक से मिले करार जनम म्हारो हो जासी साकार,
खाटू में लगा के दरबार,
के सजधज बैठ्यो है सरकार.....
मोठे तीखे नैन तेरे कजरारे कारे दिल को दीवाना बनाये,
होंठा की लाली मुस्कान प्यारी भक्तों पे जादू चलाये,
थी छवि पे गयी दिल हार जनम म्हारो हो जासी साकार,
खाटू में लगा के दरबार,
के सजधज बैठ्यो है सरकार.....
गोटा का यो बांधनी पहरे बाघों है पचरंगो,
काना में कुण्डल वैजयंती गल में फूलां को रंग सुरंगो,
थारी प्रीती ने थां सु प्यार जनम म्हारो हो जासी साकार,
खाटू में लगा के दरबार,
के सजधज बैठ्यो है सरकार......
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