Current Date: 18 Dec, 2024

मुझे गम नहीं

- संजय मित्तल जी।


मुझे गम नहीं इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं,
मुझे गर्व है इस बात का,
मेरा सांवरा मेरे संग हैं,
मुझे गम नही इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं।।

तर्ज – तू प्यार है किसी ओर का।

सुख हो दुख चाहे हस के सहता हूँ,
जैसे रखता ये वैसे रहता हूँ,
जो भी दिल में हो इनसे कहता हूँ,
जो भी दिल में हो इनसे कहता हूँ,
मुझे गम नही इस बात का,
ये जहां करे मुझे तंग हैं,
मुझे गर्व है इस बात का,
मेरा सांवरा मेरे संग हैं,
मुझे गम नही इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं।।

श्याम की मुझपे छत्र छाया हैं,
आज जो भी हूँ इसकी माया है,
मेरी नस नस में ये समाया हैं,
मेरी नस नस में ये समाया हैं,
मुझे गम नही इस बात का,
हर रंग भी बदरंग है,
मुझे गर्व है इस बात का,
मेरा सांवरा मेरे संग हैं,
मुझे गम नही इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं।।

प्रेम की भाषा ये समझता है,
मेरे भावो को ये ही पढता है,
मेरी खातिर ये सबसे लड़ता है,
मेरी खातिर ये सबसे लड़ता है,
मुझे गम नही इस बात का,
जीवन कटी सी पतंग है,
मुझे गर्व है इस बात का,
मेरा सांवरा मेरे संग हैं,
मुझे गम नही इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं।।

सोचता हूँ मैं मुझमे क्या देखा,
पल में बदला है भाग्य का लेखा,
‘मोहित’ संवरी है कर्मो की रेखा,
‘मोहित’ संवरी है कर्मो की रेखा,
मुझे गम नही इस बात का,
मुझे देख के सब दंग है,
मुझे गर्व है इस बात का,
मेरा सांवरा मेरे संग हैं,
मुझे गम नही इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं।।

मुझे गम नहीं इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं,
मुझे गर्व है इस बात का,
मेरा सांवरा मेरे संग हैं,
मुझे गम नही इस बात का,
साया भी ना मेरे संग हैं।।

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