Current Date: 17 Nov, 2024

मुझे दर पर

- Baljeet Singh


मिलने को तरसता हूं जीता हूं ना मरता हूं।
मुझे दर पे बुलाले मां मिलने को तरसता हूं
           1
सांसों में है तू मैया नजरों में समाई है
भीगी हैं मेरी पलकें जब याद तू आई है
कोई जाने ना दर्द मेरा कितना मैं तड़पता हूं
मुझे दर पे बुलाले मां मिलने को तरसता हूं
             2
सुनके मां सदा मेरी तू पास जो आ जाती
सच कहता हूं मां मेरी दुनिया ही बदल जाती
बंजारों सा बेघर हूं पागल सा भटकता हूं
मुझे दर पे बुलाले मां मिलने को तरसता हूं
            3
अब तू ही बता मैया कैसे मैं सहूँ दूरी
जो मन की मुरादें हैं कर दे मां सभी पूरी
बड़ा गमगीन बलजीत मैं रोता हूं बिलखता हूं
मुझे दर पे बुलाले मां मिलने को तरसता हूं
 

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।