Title:- मोर मोरनी की कहानी
F:- आइयेगा भक्तो आप सभी को एक सुन्दर सी प्राचीन कथा के बारे में जो की सप्त घटना पर आधारित है और जिसमे मैं आपको यह बताउंगी की संसार में मोर मोरनी की उतपत्ति कैसे हुई है एक भक्त की बड़ी सुन्दर सी दास्तान है जिसमे एक प्राचीन मंदिर महारानी का जिसमे कभी भी कोई पूजा नहीं किया करता था और एक दिन की बात छोटी सी बच्ची की श्रद्धा माँ पर आ गयी और वो बच्ची जाकर के माँ के मंदिर में माँ की पूजन करने लगी और उसका नियम था वो रोज ही माँ के मंदिर में जाती थी और माँ का पूजन किया करती थी एक दिन की बात जैसे जैसे वो लड़की बड़ी होती गयी माँ की कृपा उस बच्ची पर बढ़ती गयी और एक लड़का उसी मंदिर के रास्ते से गुजर रहा था और उसने विचार किया चलो क्यों ना मैं भी माँ के दर्शन कर लू और दर्शन करने की इच्छा से जब वो लड़का माँ के मंदिर में पहूँचा कदम तो माँ के मंदिर में ही पड़ा और उस लड़की जो माँ के मंदिर में बैठी हुई थी नजर उस लड़की पर जैसे ही गयी वह लड़का एक टक उस लड़की को देखता ही रह गया वो लड़की इतनी सुन्दर थी ऐसा लगता था मानो आसमान से उतर कर कोई परी जमीन पर आयी थी उस लड़की को देखकर वो लड़का अपना सुद्बुध खो बैठा और माँ से कहने लगा माँ ये केसा चमत्कार है अगर ये सत्य है तो मैं तेरे दरबार में तभी आऊंगा जब मेरी मुराद तू पूरी कर देगी और जिस दिन इस लड़की से मेरी शादी हो जाएगी तभी में तेरे दरबार में आऊंगा और वो लड़का माँ से कहने लगा आइये सुनियेगा इसे सप्त घटना के माध्यम से -
सुन्दर सा रूप प्यारा मीठी मीठी बाते
सुन्दर सा रूप प्यारा मीठी मीठी बाते
मीठी मीठी बाते है बातो से झलकता प्यार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
और वो लड़का माँ से कहने लगा माँ अब में तेरे दरबार तो आऊंगा लेकिन उस दिन जिस दिन ये लड़की मेरी पत्नी बन जाएगी उस दिन में जोड़ी के साथ तेरे दरबार में आऊंगा |
है आदि भवानी मेरी प्यास बुझा दे
मेरा इस लड़की से बयाह करा दे
है आदि भवानी मेरी प्यास बुझा दे
मेरा इस लड़की से माँ बयाह करा दे
जब दुल्हन बनाके लाऊंगा
तब तेरे दर पे आऊंगा
और तेरे दर पे आके मैं
माँ अपना शीश चढ़ाऊंगा
तेरे मंदिर में मैं आउ
सर अपना तुझे चढ़ाउ
तेरे मंदिर में मै आउ
मैं अपना वचन निभाओ
देवी मैया तू मुझ पर
ममतामयी तू मुझ पर
कर इतना उपकार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
जब उस लड़के ने माँ से ये वरदान माँगा वो लड़का इतना कहकर के वह से चला जाता है और मैया की इतनी कृपा थी उस बच्चे पर माँ ने उस बच्चे की इच्छा को पूरा किया और माँ ने अपनी महिमा से उस बच्चे की परीक्षा को पूरा किया कुछ ही समय के बाद माँ की महिमा से माँ की शक्ति से माँ की भक्ति से उस लड़के की उस लड़की के साथ शादी हो गयी लेकिन शादी तो हो गयी और दुल्हन घर में पहुंच गयी और वो लड़का भूल बैठा की मैंने तो सर चढाने का वादा किया था और जब लड़का ये बात भूल गया तो माँ को क्रोध आने लगा और माँ ने उसे याद दिलाने के लिए कुछ गांव की महिलाओ को उनके घर भेजा और गांव की औरते जब माँ के आदेश से उसके घर पहुंची और दुल्हन का चेहरा देखा तो एक ही बात कही की माँ तेरी अजीब लीला है तूने कितनी प्यारी जोड़ी बनायीं है लड़के ने जैसे ही ये बात सुनी की इस लड़की पे तो सारी कृपा तो माँ की थी और ये लड़की जो मिली है मुझे वो माँ की कृपा से मिली है तो लगता है इस बात को भूल गया था आज मुझे याद आयी है तो चलो चलते है माँ के दरबार और मनाते है मैया को तो क्या कहने लगा –
कुछ दिन बीते तो वो समय है आया
लड़का लड़की को फिर ब्याह्के लाया
कुछ दिन बीते तो वो समय है आया
लड़का लड़की को फिर ब्याह्के लाया
जब आयी याद वचन की है
की तैयारी पूजन की है
जब आयी याद वचन की है
की तैयारी पूजन की है
संग लेकर अपनी बाला
और साथ में छोटा साला
संग लेकर अपनी बाला
और साथ में छोटा साला
और देखिये साथ में अपने छोटे साले को लेकर के और अपनी पत्नी को साथ में ले कर के मंदिर के पास पंहुचा तो उसकी पत्नी बाहर खड़ी नजारा देख रही थी तो लड़का बोलै की मैं मंदिर तो जा रहा हूँ लेकिन जो मैं करने जा रहा हूँ इन दोनों के साथ कर कैसे पाउँगा और माँ से क्या बोलै माँ -
तीनो प्राणी जा पहुंचे
तीनो प्राणी जा पहुंचे
इस मैया के दरबार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
इतना कहकर वो लड़का माँ के मंदिर में प्रवेश करता है और जा कर के सबसे पहले माँ का पूजन किया और पूजन करने के बाद मैया की तलवार निकाली और अपना सर धड़ से अलग कर दिया बहुत देर हो गयी और मंदिर से कोई आहट नहीं आयी तो लड़की कहने लगी भैया जरा मंदिर में जाकर के देखो तो जीजा जी अभी तक क्यों नहीं लोटे और साला मंदिर में प्रवेश करता है तो देखता है एक तरफ जीजा का सर पड़ा है एक तरफ धड़ पड़ा है घबराकर और घबराकर के कहने लगा की माँ मैं अपनी बहन को कैसे मुँह दिखाऊंगा क्या कहूंगा मैं अपनी बहन से और सोच रहा है क्या सोच रहा है-
कुछ देर हुई तो ह्रदय अकुलाया
मंदिर के अंदर फिर साला आया
कुछ देर हुई तो ह्रदय अकुलाया
मंदिर के अंदर फिर साला आया
साले को हुई है चिंता बड़ी
जीजा की देखि लाश पड़ी
साले को हुई है चिंता बड़ी
जीजा की देखि लाश पड़ी
कैसे समझाऊ मन को
क्या उत्तर दूंगा बहन को
कैसे समझाऊ मन को
क्या उत्तर दूंगा बहन को
त्रिशूल भवानी का लेकर
त्रिशूल भवानी का लेकर
अपना सर दिया उतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
बहुत समय बीत गया और जब भाई भी नहीं लोटा पति भी तो सोचने लगी माँ आपके मंदिर से कोई लोट क्यों नहीं रहा है और ये मंदिर से बहता हुआ खून कहाँ से आया और वो लड़की भागती हुई जब माँ के पास माँ के मंदिर में पहुंची तो तो देखा एक तरफ पति का धड़ और सर पड़ा था एक तरफ भाई का धड़ और सर पड़ा था लहू लुहान भाई और पति को देखकर वो लड़की पागल सी हो गयी और रो रो कर के माँ से क्या कहने लगी |
मंदिर से कोई ना लोट के आया
मंदिर के बाहर वह खून है आया
मंदिर से कोई ना लोट के आया
मंदिर के बाहर वह खून है आया
पूजा का फल केसा दीन्हा
माँ छीन मेरा भैया लीन्हा
पूजा का फल केसा दीन्हा
माँ छीन मेरा साजन लीन्हा
ये कैसे जख्म सहूंगी
बिन साजन नहीं जिऊंगी
ये कैसे दर्द सहूंगी
बिन भैया नहीं जिऊंगी
जीवन नैया मेरी माँ
जीवन नैया मेरी माँ
अब डूब गयी मझधार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
लड़की कहने लगी माँ जब मेरा पति है नहीं रहा ना भाई रहा ना मैं मायके की रही ना मैं ससुराल की तो मैं जीकर क्या करुँगी इस लीला को समाप्त करके वो लड़की दौड़कर गयी और माँ की तलवार निकाल ली और चलाने लगी तो मैया की मूर्ति से एक आवाज आयी और माँ ने कहा सुन तू मरने की जिद मत कर मैं तेरी सारी इच्छाएं पूरी करुँगी और इस तरह से माँ ने क्या कहा -
जिद करने की तू मेरी बेटी छोड़ दे
दोनों के सर को जा धड़ से जोड़ दे
जिद करने की तू मेरी बेटी छोड़ दे
दोनों के सर को जा धड़ से जोड़ दे
इनकी लीला अनमोल हुई लड़की से भारी भूल हुई
इनकी लीला अनमोल हुई लड़की से भारी भूल हुई
सर साजन का धड़ बीरन का दुर्भाग्य था बड़ा अभागन का
सर साजन का धड़ बीरन का दुर्भाग्य था बड़ा अभागन का
अब किसको अपना पति माने और किसको अपना भाई कहे
और किसको माने भरतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
और उस लड़की से ये बड़ी भूल हुई की पति के सर से भाई का धड़ लगाया और भाई के धड़ से पति का सर लगाया तो लड़की कहने लगी माँ इसमें से मेरा पति कौन है और भाई कौन है तो माँ ने कहा बेटी सर तो तुमने है लगाए है तो जो गलती तेरे से हुई है उसका भुगतान तो तुझे है करना पड़ेगा अब तू पति को पति तो कह सकती है लेकिन पति का रिश्ता नहीं बना सकती क्युकी धड़ तो तेरे भाई का है और बेटी जिस पर तेरे भाई का सर लगा है यही तेरा पति है और इसी को तू अपना पति मान सकती है लड़की कहती है माँ सारा संसार तेरे को माँ मानता है मेरे भी लाखो अरमान है की मुझे भी कोई माँ कहे कोई ऐसा हो जो मुझे भी माँ कहकर पुकारे लेकिन माँ मेरी सारी इच्छाएं यही पर दफ़न हो गयी माँ ने कहा पुत्री मैं तुझे आशीर्वाद देती हूँ की तू माँ भी बनेगी लेकिन तुझे अपना रूप बदलना पड़ेगा और मैया ने अपनी शक्ति से दोनों को मोर और मोरनी बना दिया पर क्या हुआ -
जिसपे सर था पति का माँ ने मोर बनाया
और मोरनी बना के माँ ने जोड़ा बनाया
जिसपे सर था पति का माँ ने मोर बनाया
और मोरनी बना के माँ ने जोड़ा बनाया
माँ ने कहा तू अपने पति का सुख नहीं पायेगी तू अपने पति की सारी इच्छाओ को छोड़कर बस तू अपना पति समझेगी तो सारा सुख पायेगी और तू जो अपने पति से सुख चाहती है वो तूझे कभी नहीं मिलेगा क्युकी जो तूने गलती की है उसका भुगतान तुझे है भुगतना होगा तू अपने पति को देखकर और जो उसके आंसू गिरेंगे की जब मोर नाचता है तो बड़ा है सुन्दर लगता है और मोर अपनेआप पर गर्व करता है कि मैं बहुत सुन्दर हूँ लेकिन जब मोर अपनेआप को देखता है तो खुश होता है जैसे ही पैर पर दृष्टि जाती है तो वो रो पड़ता है की वो पैर उसके भाई के है और मोरनी छुपकर के देख रही होती है और मुख से जो झाग निकलता है और मोर की आँखों से जो आंसू गिरते है उसको मोरनी पीती है और गर्भ धारण करती है और माँ उसके मरे हुए भाई को जिस पर पति का धड़ लगा हुआ था उसे कबूतर बना दिया और दोनों को आशीर्वाद दिया की क्या -
जिस पर सर था पति का माँ ने मोर बनाया
और मोरनी बनाके माँ ने जोड़ा बनाया
जिस पर सर था पति का माँ ने मोर बनाया
और मोरनी बनाके माँ ने जोड़ा मिलाया
विधि पूरी तेरी आस करे सुख पाए ना भोग विलास करे
विधि पूरी तेरी आस करे सुख पाए ना भोग विलास करे
इसको लिखते हमराही संजो ने कथा सुनाई
इसको लिखते हमराही संजो ने कथा सुनाई
अपने भक्तो की नैया अपने भक्तो की नैया
कर दी मैया ने पार
कुदरत का करिश्मा है या देवी का अवतार
सुन्दर सा रूप प्यारा मीठी मीठी बाते
सुन्दर सा रूप प्यारा मीठी मीठी बाते
मीठी मीठी बाते है बातो से झलकता प्यार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
कुदरत का करिश्मा है या कोई देवी का अवतार
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