Current Date: 22 Dec, 2024

मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे

- Navin Khandelwal


M:-    जब से श्याम दर्श मिला, मन ये  मेरा खिला खिला
    जब से श्याम दर्श मिला, मन ये  मेरा खिला खिला
    मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे मेरी तो पतंग उड़ गयी रे
    सावरिया मेरी तो पतंग उड़ गयी रे.......................

M:-    ओ फांसले मिटा दो आज सारे, होगये जी आप तो हमारे 
    ओ फांसले मिटा दो आज सारे, होगये जी आप तो हमारे 
    मनका का पंछी बोल रहा, पीहू पीहू बोल रहा 
    मनका का पंछी बोल रहा, पीहू पीहू बोल रहा 
    मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे मेरी तो पतंग उड़ गयी रे
    सावरिया मेरी तो पतंग उड़ गयी रे.......................

M:-    तुम हो जिंदगी के एक सहारे नहीं कोई दूजा बिन तुम्हारे 
    तुम हो जिंदगी के एक सहारे नहीं कोई दूजा बिन तुम्हारे 
    मेने तुझे जान लिया अपना तुझे मान लिया 
    मेने तुझे जान लिया अपना तुझे मान लिया 
    मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे मेरी तो पतंग उड़ गयी रे
    सावरिया मेरी तो पतंग उड़ गयी रे.......................
    
M:-    तुम हो लखदातार मेरे तुम ही हो सरकार मेरे 
    तुम हो लखदातार मेरे तुम ही हो सरकार मेरे
    हारे के सहारे हो तुम नदिया के किनारे हो तुम 
    हारे के सहारे हो तुम नदिया के किनारे हो तुम 
    मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे मेरी तो पतंग उड़ गयी रे
    सावरिया मेरी तो पतंग उड़ गयी रे.......................
    
M:-    थाम लिए हथ जबसे तेरा हो गया आसान सफर मेरा 
    थाम लिए हथ जबसे तेरा हो गया आसान सफर मेरा 
    खिल रही है कली कली नाचू आज गली गली
    खिल रही है कली कली नाचू आज गली गली
    मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे मेरी तो पतंग उड़ गयी रे
    सावरिया मेरी तो पतंग उड़ गयी रे.......................
    सावरिया मेरी तो पतंग उड़ गयी रे.......................
    सावरिया मेरी तो पतंग उड़ गयी रे.......................

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