मेरे उठे विरह में पीर हिंदी में (Mere Uthe Virah Me Pir in hindi)
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥
श्लोक
सब द्वारन को छोड़ के,
श्यामा आई तेरे द्वार,
श्री वृषभान की लाड़ली,
मेरी और निहार ॥
राधा रानी जी का मनमोहक भजन: झूला झूलो री राधे रानी
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥
श्याम सलोनी सूरत पे,
दीवानी हो गई,
अब कैसे धारू धीर सखी,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥
साध्वी पूर्णिमा जी का सबसे सुन्दर भजन: मुझे अपने ही रंग में रंग ले
छोड़ दिया मेने भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥
इस दुनिया के रिश्ते नाते,
सब ही तोड़ दिए,
तुझे कैसे दिखाऊं दिल चिर,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥
श्याम की बंशी की धुन: उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे
नैन लड़े मेरे गिरधारी से,
बावरी हो गई,
दुनिया से हो गई अंजानी,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी ॥
मेरे उठे विरह में पीर अंग्रेजी में (Mere Uthe Virah Me Pir in english)
Mere Uthe Virah Me Pir,
Sakhi Brundaban Jaungi ॥
Shlok-
Sab Dwaran Ko Chod Ke,
Shyam Aae Tere Dwar,
Shree Brushbhan Ki Ladli,
Meri Aur Nihar ॥
Beautiful Bhajan of Radha Rani Ji: Jhula Jhulo Ri Radhe Ran
Mere Uthe Virah Me Pir,
Sakhi Brundaban Jaungi,
Murali Baje Yamuna Tir,
Sakhi Brundaban Jaungi ॥
Shyam Saloni Surat Pe,
Diwani Ho Gae,
Ab Kese Dharu Dhir Shakhi,
Sakhi Brundaban Jaungi ॥
The most beautiful bhajan of Sadhvi Purnima ji: Mujhe Apne Hi Rang Me Rang Le
Chod Diya Maine Bhojan Pani,
Shyam Ki Yaad Mein,
Mere Nainan Barse Nir,
Sakhi Brundaban Jaungi ॥
Is Duniya Ke Rishte Nate,
Sab Hi Chod Diya,
Tujhe Kese Dikhaun Dil Chir,
Sakhi Brundaban Jaungi ॥
Tune of Shyam's Banshi: Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re
Nain Lade Mere Girdhar Se,
Babri Ho Gae,
Duniya Se Ho Gae Anjani,
Sakhi Brundaban Jaungi ॥
Mere Uthe Virah Me Pir,
Sakhi Brundaban Jaungi,
Murali Baje Yamuna Tir,
Sakhi Brundaban Jaungi ॥
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