Current Date: 20 Nov, 2024

मेरे श्याम सा निराला

- मुकेश बागड़ा जी।


मेरे श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है,
हम दीनो का रखवाला,
हम दीनो का रखवाला,
कोई और नहीं है,
मेरें श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है।।


जीवन की बाज़ी जो हारा,
उसका बना सहारा ये तो,
जिसकी नैया डूब रही थी,
उसको दिया किनारा उसने,
हमको राह दिखाने वाला,
हमको राह दिखाने वाला,
कोई और नहीं है,
मेरें श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है।।


बनके सुदामा जो भी आया,
कर दिए वारे न्यारे इसने,
किस्मत से ज़्यादा ये देता,
भर देता भण्डारे देखो,
सोये भाग जगाने वाला,
सोये भाग जगाने वाला,
कोई और नहीं है,
मेरें श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है।।


कहने की दरकार नहीं है,
बिन मांगे मिल जाए देखो,
अपने सेवक की मंशा का,
पता इसे चल जाए देखो,
दुःख में साथ निभाने वाला,
दुःख में साथ निभाने वाला,
कोई और नहीं है,
मेरें श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है।।


‘हर्ष’ ज़रा चरणों में झुक जा,
ये है सच्चा साथी अपना,
तूफानों में भी दीपक की,
जलती रहेगी बाती तेरे,
हमको गले लगाने वाला,
हमको गले लगाने वाला,
कोई और नहीं है,
मेरें श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है।।


मेरे श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है,
हम दीनो का रखवाला,
हम दीनो का रखवाला,
कोई और नहीं है,
मेरें श्याम सा निराला,
कोई और नहीं है।।

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