M:- हरा हूँ तू अपना बना ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
शरण हूँ चरणों से लगा ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
मेरी हर सांस में तू है मेरे जज्बात मैं तू है -२
ओ सांवरे ओ सांवरे , हारा हूँ ................................
M:- भीलनी के राघव बनकर त्रेता में आये
त्राप में राधा जी के प्रियतम कहलाये
नरसिंह की वाणी हाँके भात भराया
क्या है तेरी माया कोई समझ ना पाया ओ
मुझसे भी तू रिश्ता बना ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
शरण हूँ चरणों से लगा ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
हारा हूँ ................................
M:- जब मेने खायी ठोकर हाथ बढ़ाया गले से लगाया तूने अपना बनाया
हारे हुए को बाबा तुमने जिताया दर दर भटका में रास्तो है आया ओ
चाहे जो मन मर्जी चला ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
शरण हूँ चरणों से लगा ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
हारा हूँ ................................
M:- चाहा था जो कुछ पाया जिंदगी सवार दी डूबती नैया तुमने है तार दी
धुंदली थी राहे मेरी अँधेरी डगरिया दीप जलाके रोशन कर दी सावरिया
अन्नू को चरणों से लगा ले मेरे साथ साथ रहने मेरे श्याम
शरण हूँ चरणों से लगा ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
हरा हूँ तू अपना बना ले मेरे साथ साथ रहना मेरे श्याम
हारा हूँ ................................
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