मेरे साई तेरी शिरडी,
बहुत अब याद आती है,
जो बैठूं ध्यान में तेरे,
जो बैठूं ध्यान में तेरे,
मेरी बिगड़ी बनाती है,
मेरे साँई तेरी शिरडी,
बहुत अब याद आती है।।
जो भर आई मेरी आँखे,
साईं तेरे दर्श पाने को,
साईं तेरे दर्श पाने को,
तेरे दर्शन की प्यासी है,
तेरे दर्शन की प्यासी है,
मेरी अँखियाँ उदासी है,
मेरे साँई तेरी शिरडी,
बहुत अब याद आती है।।
तेरे चरणों में सर रखकर,
हुआ रोशन हर एक मंजर,
हुआ रोशन हर एक मंजर,
धुनि जब जगमगाती है,
धुनि जब जगमगाती है,
हमें दुःख से बचाती है,
मेरे साँई तेरी शिरडी,
बहुत अब याद आती है।।
मेरे साई तेरी शिरडी,
बहुत अब याद आती है,
जो बैठूं ध्यान में तेरे,
जो बैठूं ध्यान में तेरे,
मेरी बिगड़ी बनाती है,
मेरे साँई तेरी शिरडी,
बहुत अब याद आती है।।
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।