राम लला घर आये गाओ मंगल गीत सखी री
आओ जलाए दीप सखी ऋ
सरयू जल अंगना छिडकाये
छप्पन रंग पकवान बनाये जो प्रभु के मन भाये
सखी री राम लला घर आये
जन्म जन्म के भाग सवारे
राम लला जी के चरण पखारे
मात सिया पे बली बली जाए
लखन लला को चवर धुलाये
रघु कुल दीपक आये
सखी री राम लला घर आये
अब तक थी अयोध्या ये सुनी आज बनी है दुल्हन सलोनी
चारो तरफ छाई खुशहाली आओ मनाये आज दीवाली
तन मन मधु रस गाये
सखी री राम लला घर आये
आये संग हनुमत बल वीरा कंचन काया बजर शरीरा
कोश्याला मिशठान बनाये कायिकी हनुमान जीमाये
कंचन स्वर लुटाये
सखी री राम लला घर आये
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