मेरे देवा गजानंद की महिमा नियारी,
माता गौरा शिव पिता त्रिपुरारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी।।
तर्ज – मेरी प्यारी बहनिया।
पहले पूजा होवे जगत में तुम्हारी,
सुर नर मुनि जन तेरे पुजारी,
पहने वस्त्र पीला तिलक सोहे नियारा,
सोहे मूसा की हरदम सवारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी।
मेरे देवा गजानंद की महिमा न्यारी,
माता गौरा शिव पिता त्रिपुरारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी।।
माया तेरी अजब है रूप है निराला,
खोले अपने भक्तो की किस्मत का ताला,
भोग लगे लड्डुवन का तुम्हे प्यारा प्यारा,
लागे पूजा में पान सुपारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी।
मेरे देवा गजानंद की महिमा न्यारी,
माता गौरा शिव पिता त्रिपुरारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी।।
चार भुजा बड़ो पेट लम्बी सूंड वाले,
भरते झोली खाली सूपा से कान वाले,
देना रिद्धि सिद्धि ज्ञान भंडार भरना,
‘संजो’ आई दुअरिया तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी।
मेरे देवा गजानंद की महिमा न्यारी,
माता गौरा शिव पिता त्रिपुरारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी,
जय हो जय हो गजानंद तुम्हारी।।
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