Current Date: 17 Nov, 2024

मेरे चाहने से पहले

- संजय मित्तल जी।


मेरे चाहने से पहले,
मुझको वो सब कुछ,
मिल जाता है,
जो काम बनता ना था,
आज बन जाता है,
श्याम जो मिला है मुझे,
श्याम जो मिला है।।
तर्ज – देर ना हो जाये कही

जब से श्याम पे भरोसा किया है,
इसने भरोसे को पक्का किया है,
जब भी मंजिल से अपनी में भटका,
बाबा ने पल में मुझे रस्ता दिया है,
मेरे हारने से पहले,
लीले पे चढ़के,
आ जाता है,
जो काम बनता ना था,
आज बन जाता है,
श्याम जो मिला है मुझे,
श्याम जो मिला है।।

मेने ना देखे कभी मौसम सुहाने,
अपनों को देखा सदा बनते बेगाने,
इनकी कृपा से मिली मुझको बहारे,
देखूं हर्षय में श्याम दिवाने,
कोई आये ना आये,
रिश्ता ये हर एक,
निभा जाता है,
जो काम बनता ना था,
आज बन जाता है,
श्याम जो मिला है मुझे,
श्याम जो मिला है।।

कर्मो की रेखा नही मेरी बड़ी है,
फिर भी नजर इनकी मुझपे गड़ी है,
“मोहित” इनके सिवा ना कोई दूजा,
कहता दुनिया को वो हर घडी है,
इनकी किरपा से निर्मल,
होकर मेरा मन,
ये गाता है,
जो काम बनता ना था,
आज बन जाता है,
श्याम जो मिला है मुझे,
श्याम जो मिला है।।

मेरे चाहने से पहले,
मुझको वो सब कुछ,
मिल जाता है,
जो काम बनता ना था,
आज बन जाता है,
श्याम जो मिला है मुझे,
श्याम जो मिला है।।

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