Current Date: 22 Nov, 2024

मेरे अंग अंग में है कान्हा

- Prashana Singh


F:-        तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा 
तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा 
दिल धड़के मेरा जब नाम पुकारे तेरा कान्हा कान्हा 
कान्हा ओ कान्हा कान्हा मेरे कान्हा 
तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा 

मेरी छोटी सी कुटिया तुझसे है महल बनी 
पा के तुझे ये भिखारन महलो की रानी बनी 
मेरी छोटी सी कुटिया तुझसे है महल बनी 
पा के तुझे ये भिखारन महलो की रानी बनी 
साथ तेरा हाथ तेरा सर पे सदा रखना कान्हा 
कान्हा ओ कान्हा कान्हा मेरे कान्हा 
तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा 

मेरे घर सूखा सा भोजन तूने इतने प्रेम से खाया 
बन गया वो भोग छपन हाथ जब तूने लगाया 
मेरे घर सूखा सा भोजन तूने इतने प्रेम से खाया 
बन गया वो भोग छपन हाथ जब तूने लगाया 
कृपा बरसती रहे रहे मेरे ऐसे करम कान्हा 
कान्हा ओ कान्हा कान्हा मेरे कान्हा 
तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा 
दिल धड़के मेरा जब नाम पुकारे तेरा कान्हा कान्हा 
कान्हा ओ कान्हा कान्हा मेरे कान्हा 
तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा 

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