Current Date: 18 Nov, 2024

मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने।।

- मयंक अग्रवाल


शाम सवेरे देखूँ तुझको,
कितना सुंदर रूप है,
तेरा साथ है ठंडी छाया,
बाकि दुनिया धुप है,
जब जब भी इसे पुकारू मैं,
तस्वीर को इसकी निहारु मैं,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरें सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने।।

खुश हो जाये गर सांवरिया,
किस्मत को चमका देता,
हाथ पकड ले अगर किसी का,
जीवन स्वर्ग बना देता,
ये बाते सोच विचारू मैं,
तस्वीर को इसकी निहारु मैं,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरें सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने।।

शाम सवेरे देखूँ तुझको,
कितना सुंदर रूप है,
तेरा साथ है ठंडी छाया,
बाकि दुनिया धुप है,
जब जब भी जग से हारु मैं,
तस्वीर को इसकी निहारु मैं,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरें सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने।।

गिरने से पहले ही आकर,
बाबा मुझे संभालेगा,
पूरा है विश्वास ‘राज’ को,
तूफानों से निकलेगा,
ये तन मन तुझपे वारु मैं,
तस्वीर की इसकी निहारु मैं,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरें सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने।।

शाम सवेरे देखूँ तुझको,
कितना सुंदर रूप है,
तेरा साथ है ठंडी छाया,
बाकि दुनिया धुप है,
जब जब भी इसे पुकारू मैं,
तस्वीर को इसकी निहारु मैं,
ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने,
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने।।

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