फागण मेला आ गया छा रही अजब बहार
होली खेलन श्याम से आ रहे नर और नार
खाटू नरेश की जय
ओ मेला फागण का लगता श्याम के दरबार
के फागण मेले में आते भक्त हजार मेला फागण का
फागण महीना रंग बिरंगा भीड़ लगी है भारी
देश विदेश से दर्शन करने आते नर नारी
चंग धमाल की धुन पर देखो झूम रहा संसार
ओ मेला फागण का लगता श्याम के दरबार
के फागण मेले में आते भक्त हजार मेला फागण का
रींगस से खाटू नगरी तक पैदल प्रेमी जाते
एक निशान उठा कंधे पर श्याम कृपा वह पाते
नाचते गाते ख़ुशी मनाते करते जय जैकार
ओ मेला फागण का लगता श्याम के दरबार
के फागण मेले में आते भक्त हजार मेला फागण का
खाटू मंदिर बाहर प्रेमी बनाकर आते टोली
रंग गुलाल उड़ाकर बाबा श्याम से खेले होली
दर्शन करने को बाबा की लम्बी लगे कतार
ओ मेला फागण का लगता श्याम के दरबार
के फागण मेले में आते भक्त हजार मेला फागण का
फागण शुक्ल एकादशी की महिमा बड़ी निराली
आलू सिंह जी ने फ़रमाया भरता झोली खली
घर का चाकर बना लो अपने ये श्याम करे मनुहार
ओ मेला फागण का लगता श्याम के दरबार
के फागण मेले में आते भक्त हजार मेला फागण का
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