Current Date: 18 Jan, 2025

महफ़िल मेरे श्याम की

- Bhawesh Soni, Nitisha Rathore


बाबा श्याम बाबा श्याम 
गहरा हो नाता बाबा का जिनसे 
मिलने को आता मेरा श्याम है उनसे 
उनका वो साथी बन जाता है 
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है 
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है 

किरपा बरसती है जिनपे इनकी 
तकदीर लिखता हाथो से उनकी 
गम का अँधेरा छट जाता है 
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है 
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है 

भजन सुनाते जो इनको प्यारे 
उसके परिवार के वारे न्यारे 
मंदिर सा घर उसका बन जाता है 
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है 
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है 

कुछ भी अमंभव होता नहीं है 
महफ़िल में श्याम की होता यही है 
सब कुछ सुनील यह मिल जाता है 
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है 
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है
 

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