बाबा श्याम बाबा श्याम
गहरा हो नाता बाबा का जिनसे
मिलने को आता मेरा श्याम है उनसे
उनका वो साथी बन जाता है
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है
किरपा बरसती है जिनपे इनकी
तकदीर लिखता हाथो से उनकी
गम का अँधेरा छट जाता है
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है
भजन सुनाते जो इनको प्यारे
उसके परिवार के वारे न्यारे
मंदिर सा घर उसका बन जाता है
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है
कुछ भी अमंभव होता नहीं है
महफ़िल में श्याम की होता यही है
सब कुछ सुनील यह मिल जाता है
सांवरे की महफ़िल को सांवरा सजाता है
किस्मत वालो से मिलने श्याम आता है
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