मेहंदीपुर बालाजी,
सच्चा ठिकाना,
आके यहाँ तू भी,
अर्जी लगाना,
मेहँदीपुर बालाजी,
सच्चा ठिकाना।।
तर्ज – परदेसियों से ना।
मेहंदीपुर के अजब नज़ारे,
रोग दोष यहाँ कटते सारे,
आके सभी तू दुखड़े मिटाना,
मेहँदीपुर बालाजी,
सच्चा ठिकाना।।
कलयुग में है ये धाम निराला,
होता यहाँ आके घट में उजाला,
मन की तू सारी तृष्णा मिटाना,
मेहँदीपुर बालाजी,
सच्चा ठिकाना।।
आरती गा तू भी छींटा लेले,
बाबा के दर पे संकट खेले,
‘धामा’ तू सोया भाग्य जगाना,
मेहँदीपुर बालाजी,
सच्चा ठिकाना।।
मेहंदीपुर बालाजी,
सच्चा ठिकाना,
आके यहाँ तू भी,
अर्जी लगाना,
मेहँदीपुर बालाजी,
सच्चा ठिकाना।।
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