इस त्योहार पर ठेकुआ का प्रसाद जरूर बनाया जाता है। ठेकुआ के साथ छठ के प्रसाद में और भी कई चीजें जैसे गन्ना, चकोतरा, चावल के लड्डू, केला आदि को शामिल किया जाता है। यूं तो यह पर्व मुख्य रूप से बिहार से जुड़ा है। लेकिन देश और विश्व के हर कोने में आपको छठ पूजा देखने को मिल जाएगी और इसका प्रसाद भी खाने को मिल जाएगा।
तो आइये जानते है कि किन-किन सामग्री का उपयोग किया जाता है-
- दो बांस की टोकरियां: इन टोकरियों में पूजा का प्रसाद रखा जाता है।
- सूप: सूप में दूध और जल का अर्घ्य दिया जाता है।
- लोटा: लोटे में शुद्ध जल और दूध रखा जाता है।
- थाली: थाली में प्रसाद रखा जाता है।
- पान सुपारी: पान सुपारी भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट की जाती है।
- चावल: चावल अक्षत के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- सिंदूर: सिंदूर से भगवान सूर्य और छठी मैया की मूर्तियों को तिलक लगाया जाता है।
- घी का दीपक: घी का दीपक जलाकर भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है।
- शहद: शहद भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट किया जाता है।
- धूप या अगरबत्ती: धूप या अगरबत्ती जलाकर पूजा का वातावरण शुद्ध किया जाता है।
- गन्ना: गन्ना भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट किया जाता है।
- नारियल: नारियल भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट किया जाता है।
- फल: फल भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट किए जाते हैं।
- मिठाई: मिठाई भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट की जाती है।
- गुड़: गुड़ से प्रसाद बनाया जाता है।
- गेंहू और चावल का आटा: गेंहू और चावल के आटे से प्रसाद बनाया जाता है।
- हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा: हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट किया जाता है।
- बड़ा वाला मीठा नींबू: बड़ा वाला मीठा नींबू भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट किया जाता है।
- शरीफा, केला और नाशपाती: शरीफा, केला और नाशपाती भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट किए जाते हैं।
- शकरकंदी और सुथनी: शकरकंदी और सुथनी भगवान सूर्य और छठी मैया को भेंट की जाती हैं।
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