Current Date: 18 Jan, 2025

मत कर तू अभिमान रे बंदे

- अनूप जलोटा


मत कर तू अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे।
मत कर तू अभिमान॥

तेरे जैसे लाखों आये,
लाखों इस माटी ने खाए।
रहा ना नाम निशान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान॥

 माया का अन्धकार निराला,
बाहर उजला अन्दर काला।
इस को तू पहचान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान॥

 तेरे पास हैं हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति।
कौन हुआ धनवान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान॥

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।