Masik Shivratri 2023: अश्विन माह की मासिक शिवरात्रि सुख-समृद्धि दायक मानी गई है. यह पर्व न केवल उपासक को अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि उसे क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाओं को रोकने में भी मदद करता है. साथ ही मनोवांछित फल प्रदान करता है.
शास्त्रों के अनुसार अपने जीवन के उद्धार के लिए माता लक्ष्मीं, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति जैसी बहुत-सी देवियों और रानियों ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था. इस साल 11 अक्टूबर 2023 को अश्विन मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन बहुत शुभ संयोग बन रहा है.
अश्विन मासिक शिवरात्रि 2023 शुभ योग (Ashwin Masik Shivratri 2023 Shubh Yoga)
अश्विन मासिक शिवरात्रि के दिन शुभ और शुक्ल योग का संयोग बन रहा है. शुभ योग में शिव पूजा करने से समस्त कार्य सिद्ध हो जाते हैं.
शुभ योग - 10 अक्टूबर 2023, सुबह 07.47 - 11 अक्टूबर 2023, सुबह 08.42
शुक्ल योग - 11 अक्टूबर 2023, 08.42 - 12 अक्टूबर 2023, सुबह 09.30
अश्विन मासिक शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Ashwin Masik Shivratri 2023 Muhurat)
अश्विन माह की चतुर्दशी तिथि शुरू - 12 अक्टूबर 2023, शाम 07 बजकर 53
अश्विन माह की चतुर्दशी तिथि समप्त - 13 अक्टबर 2023, रात 09 बजकर 50
शिव पूजा समय - रात 11.43 - प्रात: 12.33, 13 अक्टूबर
अश्विन मासिक शिवरात्रि महत्व (Ashwin Masik Shivratri Significance)
शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का एक पर्व है. मासिक शिवरात्रि के दिन की महिमा के बारे में यह भी कहा जाता है कि वो कन्याएं जो मनोवांछित वर पाना चाहती हैं इस व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है और उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं.
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अश्विन मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Ashwin Masik Shivratri Puja Vidhi)
- मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें.
- अब आप किसी मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें.
- सबसे पहले आप शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें. ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं.
- अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ़ किये होने चाहिए.
- अब आप भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करे.
- शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें. आरती करें.
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