कोरस :- राम मेरे राम राम मेरे राम राम मेरे राम
M:- नारायण हो कर में मानव की रीती सदा अपनायी है
नारायण हो कर में मानव की रीती सदा अपनायी है
मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
कोरस :- मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
M:- राम राम का तन है अगर तो जनक सुता परछाई है
राम राम का तन है अगर तो जनक सुता परछाई है
मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
कोरस :- मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
M:- राम चाहते तो मंदिर बन जाता देर ना करते
सूर्यवंश के के वंश शिरोमणि बन कर सूर्य निकलते
पर अन्याय मार्ग पर न्याय के ईश कहा से चलते
जग के विधि विधान को विधना कैसे स्वयं बदलते
इसीलिए कलयुग में राम ने जीत न्याय से पायी है
मानव मर्यादा की उपमा तो मेरे रघुराई है
कोरस :- मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
M:- अब तक थे वनवासी राम फिर कहाँ अयोध्या आते
राम बिना ये राम राज्य श्री राम कहाँ से लाते
शांति दूत देवेंद्र राम फिर कैसे धनुष उठाते
शक्ति हीन अशक्ति जीव पर कैसे शक्ति दिखाते
जबकि सारी सृष्टि में राम में ही कुलदीप समायी है
मानव मर्यादा की उपमा तो मेरे रघुराई है
कोरस :- मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
M:- राम राम का तन है अगर तो जनक सुता परछाई है
राम राम का तन है अगर तो जनक सुता परछाई है
मानव मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
मान मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है
कोरस :- मान मर्यादा की उपमा हम सब के रघुराई है -2
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।