मैया तेरे चरणों से जबसे लगी प्रीत अपनी
हारे नहीं तबसे हम होने लगी जीत अपनी
१
मैया तेरे प्यार की सारी बाते याद है मुझे
आंचल के तेरे छाँव की प्यारी बाते याद है मुझे
अब तो यूँ ही सारी उमर यही जाए बीत अपनी
२
नैनो में तू बस जा नैना मैं बंद कर लू
पहले अपनी मैया से बाते में चंद कर लू
तू ही मेरी जननी है तू ही मन मीत अपनी
३
हर साल यु ही हमे दर पे बुलाना माँ
हम भूल जाए मगर तुम ना भुलाना माँ
मैया भूल जाना नहीं प्रीत वाली रीत अपनी
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