तर्ज –कभी ख़ुशी कभी गम
मैया वैष्णो के धाम हम आज जाएँ
माला दीपों की जाकर सजाएं
वैष्णो मैया को ध्यायेंगे हर दम
बोले मन की तरंग , मैया रहना सदा संग
कोरस –बोले ----
माता के चरणों में दीये हम जलाएं
मन के अँधेरे को दूर छोड़ आयें -२
इन लबों पे तेरा -२ बस तेरा नाम हो -२
जब तक हो अपने साँसों में ये दम
बोले -----
इस नव राते में, कहे दिल ये मेरा
छूटे कभी मुझसे न, मैया संग तेरा
ना भुलाना कभी -२ हे जगदम्बे माँ -२
अपनी भक्ति माँ अम्बे न हो कम
बोले -----
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