में तेरा शुक्राना गुरु जी कैसे करू
जब साथ है तू मेरे में कहे फ़िक्र करू
तेरी रहमत काम है गुरु जी
हाथ जोड़कर में ध्यान धरु
आँखे नाम हो जाये मेरी
बीते दिन जब याद करू
अपना आज जो देखु गुरूजी
हर पल तेरा शुक्र करो में
तेरा शुक्राना गुरु जी कैसे करू
बड़ी सुनी है मेने गुरूजी
झूठे जग की बाते पल
मेरे कुछ भी न था कंगला
लोग बताते भक्ति में शक्ति है
गुरु जी यही सोच में सब्र करू
में तेरा शुक्राना गुरु जी कैसे करू
सच्चा प्रीतम पाया मेने गुरूजी
दर पर आकर मुझको तेरा
आसरा गुरु जी क्यों बैठु घबराकर
कर तू ही तू दिखता है
गुरु जी में जहा पर नजर करू
में तेरा शुक्राना गुरूजी कैसे करू
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